अपना घर बनाना हर किसी का सपना होता है और इंटीरियर डिजाइनर उनके घरों को सजाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाते हैं। हम जब भी अपना घर, शो रूम या ऑफिस बनाते हैं, तो उसे अंतिम रूप देने के लिए किसी इंटीरियर डिजाइनर को हायर करते हैं।
फिर, वे तय करते हैं कि लोकेशन और घर के आकार के हिसाब से कलर, फर्नीचर, डेकोरेशन, आदि कैसा होना चाहिए।
आज, इस लेख के जरिए हम इंटीरियर डिजाइनरों को एक टिप्स देने जा रहे हैं, जिससे वे अपनी आमदनी को बढ़ाने के साथ ही, देश में सोलर सिस्टम को बढ़ाने में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं।
चूंकि, किसी भी घर के बनने के बाद, सबसे पहली जरूरत बिजली की होती है। क्योंकि, इसके बिना आप अपने घर में न तो लाइट जला सकते हैं और न ही पानी का मोटर चला सकते हैं।
ऐसे में, इंटीरियर डिजाइनर मकान मालिकों को उनकी जरूरत के हिसाब से, बिजली की सुविधाओं को उपलब्ध कराते हैं। साथ ही, उन्हें पावर बैकअप सॉल्यूशन के तौर पर, जनरेटर या इन्वर्टर का ऑफर दिया जाता है।
लेकिन, आज समय बदल चुका है और लोगों को बिजली के किफायती और सस्ते साधनों की जरूरत है और इस मामले में सोलर एनर्जी की कोई सानी नहीं है। ऐसे में, कोई इंटीरियर डिजाइनर, अपने मकान मालिक को इन्वर्टर के साथ सोलर सिस्टम को अपनाने की सलाह बिना सोचे दे सकते हैं, ताकि वे बिजली के मामले में बिल्कुल आत्मनिर्भर हो जाएं और उन्हें हर महीने आने वाले हजारों के बिल से मुक्ति मिल जाए।
कैसे करेंगे काम?
इंटीरियर डिजाइनरों को सोलर सेक्टर में काम करने में थोड़ी सी भी परेशानी नहीं होगी। क्योंकि, उन्हें इसके ग्राहकों को खोजने के लिए कहीं दूसरे जगह पर कोशिश करने की कोई जरूरत नहीं।
क्योंकि, जब वे किसी प्रोजेक्ट के लिए अपना कोटेशन देते हैं, तो उसी समय वे ग्राहकों को पावर बैकअप सॉल्यूशन के तौर पर, सोलर सिस्टम का कोटेशन अलग से दे सकते हैं और इस पर काम शुरू कर सकते हैं।
कितना होगा फायदा?
कोई भी इंटीरियर डिजाइनर, सोलर सेक्टर में काम करने के लिए लूम सोलर के साथ जुड़ सकते हैं और एक डीलर या डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर काम कर सकते हैं। सोलर सेक्टर में प्रॉफिट मार्जिन 10 से 25 फीसदी है। इस तरह, आप एक इंटीरियर डिजाइनर के तौर, लोगों को सोलर की ओर शिफ्ट करके, हर महीने एक अच्छी आय निश्चित कर सकते हैं।
पड़ेगी ट्रेनिंग की जरूरत
चूंकि, किसी भी इंटीरियर डिजाइनर के लिए सोलर सेक्टर एक बिल्कुल ही नया फिल्ड होगा। इसलिए इसमें दक्षता हासिल करने के लिए उन्हें ट्रेनिंग की जरूरत पड़ेगी।
लूम सोलर कंपनी, वैसे लोगों को बेहतर ट्रेनिंग देने के लिए ‘Learn Solar’ नाम से एक ट्रेनिंग प्रोग्राम को चलाती है। इस प्रोग्राम को हर शनिवार को कंपनी के विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर जारी किया जाता है, जिसमें पूरे देश के 1000 से भी अधिक लोग हिस्सा लेते हैं। वहीं, कंपनी के साथ फिलहाल पूरे भारत में 3500 से भी अधिक डीलर्स जुड़े हुए हैं।
कितना होगा खर्च?
कोई भी इंटीरियर डिजाइनर, 1000 रुपये खर्च कर लूम सोलर की डीलरशिप हासिल कर सकते हैं और 5000 रुपये खर्च कर डिस्ट्रीब्यूटर बन सकते हैं। एक बार डीलरशिप या डिस्ट्रीब्यूटरशिप हासिल करने के बाद, आप अपने एरिया के बिजनेस आंत्रेप्रेन्योर बन जाएंगे और आपकी एक अच्छी कमाई सुनिश्चित होगी।
किस चीज की पड़ेगी जरूरत?
कंपनी के साथ एक डीलर या डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर काम करने के लिए आपके पास कम से कम 10x10 की एक दुकान होनी चाहिए, ताकि आप वहाँ कुछ सोलर सिस्टम रख सकें। इससे यदि किसी ग्राहक को कोई परेशानी होती है या वे सोलर सिस्टम के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप एक स्थानीय केन्द्र के रूप में उनके लिए काम कर सकेंगे।
हालांकि, ग्राहकों को कंपनी चौबीसों घंटे के लिए ऑनलाइन सपोर्ट की सुविधा देती है। इसके अलावा, कंपनी अपने सभी डीलरों और डिस्ट्रीब्यूटरों को ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों माध्यमों के जरिए मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है।
कैसे जुड़ें?
1. डीलरशिप / डिस्ट्रीब्यूटर्स के तौर पर जुड़ने के लिए या अधिक जानने के लिए https://www.loomsolar.com/collections/dealers-distributor-business-opportunities-in-india पर क्लिक करें।
2. इन्फ्लुएंसर के तौर पर लूम सोलर से जुड़ने के लिए https://www.loomsolar.com/pages/become-an-affiliate-earn-money पर क्लिक करें।