गैर सरकारी संगठन (NGO) का अर्थ है कि बिना किसी सरकारी भागीदारी के किसी विधिवत और संगठित कार्य को अंजाम देना। ऐसे संगठन पूरी तरह से या आंशिक रूप से सरकारों द्वारा निधिबद्ध होते हैं।बता दें कि ये संगठन लाभ का वितरण अपने स्वामियों और निर्देशकों के बजाय, संगठन में निवेश करते हैं और समाज में गरीबी, अशिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, आदि जैसे कई मुद्दों पर प्राथमिकता के साथ काम करते हैं।
पड़ती है बिजली की जरूरत
किसी भी गैर सरकारी संगठन (NGO) को चलाने के लिए बिजली-पानी की जरूरत सबसे ज्यादा पड़ती है। क्योंकि इसके बिना वे अपना कोई भी काम आगे नहीं बढ़ा सकते हैं।
समझें केस स्टडी से पहला -
कोरोना महामारी के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के पूरे भारत में वैक्सीनेशन सेंटर बने हैं, उसमें बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए लूम सोलर के सोलर प्रोडक्ट का इस्तेमाल हुआ है। बता दें कि WHO का पूरे देश में जब कोई भी वैक्सीनेशन सेंटर बनता था, तो वहाँ मोबाइल चार्जिंग, लाइट, पंखा आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए बिजली की व्यवस्था की जाती थी।
हालांकि, किसी भी ऐसे संगठन में Predefined Product के बजाय Customized System की जरूरत पड़ती है, क्योंकि उनकी अपनी एक Special Requirement होती है।ठीक वैसे ही, WHO की जरूरत सोलर पैनल के साथ Plug in और Plug out वायर की भी थी। क्योंकि इससे वे सोलर पैनल को चार्ज कंट्रोलर से आसानी से कनेक्ट कर सकते थे। इसके अलावा, उन्होंने बल्ब के ऑन और ऑफ स्विच की भी इच्छा जताई।
दूसरा - Purpose Specific System
जैसे पश्चिम बंगाल के परिवहन विभाग ने हमारे सोलर पैनल को Speed Controller Device को चलाने के लिए मंगाया था, जिसे Traffic Control Device भी कहा जाता है।इस डिवाइस को चलाने के लिए 50 या 75 वाट के सोलर पैनल की जरूरत पड़ती है और इससे जब भी कोई ओवर स्पीड की गाड़ी पार करती है, तो उसे आसानी से पकड़ा जा सकता है।इस तरह, ये सब Customised Solution की कैटेगरी में आते हैं।
भारत में क्या है समस्या?
आज के समय में, भारत में ऐसा सॉल्यूशन उपलब्ध कराने वाली कंपनियां न के बराबर हैं। लेकिन लूम सोलर कंपनी ग्राहकों को यह सेवा देने में पूरी तरह से सक्षम है।
NGO में कैसे सोलर उत्पादों की माँग रहती है?
किसी भी एनजीओ में सबसे कम दाम के सोलर प्रोडक्ट्स की माँग सबसे ज्यादा रहती है। यहाँ अमूमन 50 से 100 वाट तक के सोलर पैनल खरीदे जाते हैं।हम लोग किसी भी एनजीओ को जो प्रोडक्ट देते हैं, उसमें सोलर पैनल, लिथियम ऑयन बैटरी, चार्ज कंट्रोलर आदि जैसी चीजें शामिल होती हैं।
कैसे खरीदें?
यदि आप किसी एनजीओ से जुड़े हैं और अपने यहाँ सोलर पैनल लगाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपने Customized Order की पूरी जानकारी हमारी टेक्निकल टीम के साथ साझा करनी होगी और वे आपको आगे की राह दिखाएंगे।
सोलर पैनल को लेकर एनजीओ का अन्य काम
अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के अलावा, किसी भी एनजीओ का काम यह भी होता है कि जहाँ बिजली नहीं है, वहाँ सोलर पैनल लगाकर बिजली उपलब्ध करा देना।चूंकि, आज के समय में अधिकांश एनजीओ पहाड़ी, झोपड़पट्टियों या ग्रामीण इलाके में सबसे ज्यादा सीएसआर एक्टिविटी करते हैं और आज हर कंपनी का अपना एक सीएसआर बजट भी होता है। वे अपने सभी कार्यों को इसी के तहत अंजाम देते हैं।
निष्कर्ष
हमें यकीन है कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। यदि आप ऐसे ही रोचक विषयों के बारे में और अधिक जानकारी हासिल कर अपनी जिंदगी आसान बनाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से हमारे साथ बने रहें। वहीं, यदि आप अपने यहाँ सोलर सिस्टम लगाकर खुद को बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं, तो अभी हमसे संपर्क करें। हमारे विशेषज्ञ आपकी मदद के लिए हमेशा ही तैयार रहते हैं।
2 comments
MUFTI Zakir Hussain
If possible, install solar in this NGO
AR Raihan educational trust
Solar is required in our NGO please contact www.arraihaneducationaltrust.com