आज के समय में निरंतर महंगे होते बिजली बिल (Electricity Bill) और बिजली कटौती (Power Cut in India) के कारण, लोगों ने बड़े पैमाने पर अपने घरों में सोलर सिस्टम (Solar System Demand in India) लगाना शुरू कर दिया है। बता दें कि यदि आप अपने घर में सोलर सिस्टम लगाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको वैसे जगह की भी जरूरत पड़ेगी। तो, इस लेख में हम आपको इसी विषय में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
Step 1: Rooftop Area
बता दें कि यह आप किसी ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं, तो आपको सोलर लगाने के लिए जगह की कमी तो नहीं होती है। लेकिन यदि आप किसी शहर में रहते हैं, तो आपको इसके लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि आज के समय में शहरों में अधिकांश घर 50 गज, 100 गज, 150 गज, 220 गज या ज्यादा से ज्यादा 500 गज के दायरे में होते हैं। इससे ज्यादा जगह शायद ही किसी के पास होती है। और, लोगों के पास छत पर इसी के हिसाब से होती है। बता दें कि यदि आपके घर में 2-3 फ्लोर हैं, तो Rooftop Area सबसे ऊपर वाले फ्लोर को मिलता है। इसलिए सोलर लगाने से पहले इसका चयन ठीक से कर लें।
Step 2: Solar Panel Specification
बता दें कि आज के समय में बाजार में बहुत सारे Solar Panel उपलब्ध हैं, जो Mono Perc, Poly Crystalline जैसी कई टेक्नोलॉजी में आती है। उसमें से आपको Latest Technology के सोलर पैनल को चुनना होगा। बता दें कि आज के समय में बाजार में SHARK550W सबसे नया सोलर पैनल है, जो TopCon technology के साथ आता है और इसकी दक्षता दर 22 प्रतिशत से भी अधिक है।
बता दें कि यदि आप अपने घर में 1 किलोवाट का सोलर पैनल लगाना चाहते हैं, तो इसमें 550 वाट का 2 पैनल आएगा। बता दें कि एक पैनल की साइज 7.47 x 3.72 होती है। इस हिसाब से आपको 1 किलोवाट के सोलर पैनल को लगाने के लिए करीब 56 वर्ग फीट जगह की जरूरत होती है।
1 से 10 किलोवाट के सोलर पैनल को लगाने के लिए आपको कितनी जगह की जरूरत होगी। इस विषय में जानने के लिए नीचे दी गई सूची देखें -
Step 3: Analysis Point - Sun Direction
बता दें कि जब आपका ऊपर का दोनों स्टेप क्लियर हो, तो उसके बाद यह देखा जाता है कि आपके घर में सूर्य किस दिशा में है। बता दें कि Sun Direction हर जगह पर, हर ग्राहक को नहीं मिल सकता है। हालांकि, आपको सुझाव दिया जाता है कि यह South Facing Direction में हो, ताकि सोलर पैनल को अधिक से अधिक धूप मिले। साथ ही, आपके लिए यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि यह पूरी तरह से Shadow Free Area होना चाहिए। कई बार ऐसा देखा जाता है कि आज जो जगह खाली है, वहाँ आने वाले समय में कई घर बन जाता है। इससे सोलर पैनल से बिजली बनने में काफी परेशानी होती है।
Step 4: Analysis Point - Area
इसका अर्थ यह है कि यदि आप अपने घर में सोलर पैनल लगा रहे हैं, तो यह समतल सतह में होनी चाहिए। इसे आप किसी ऊबड़ - खाबड़ जगह में न लगाएं।
Step 5: Analysis Point - Height
बता दें कि इंसानों में लंबाई 5 से 6 फुट तक आराम से होती है। इसलिए अपनी छत पर सोलर लगाने के दौरान ऊँचाई का विशेष ध्यान रखें। ताकि आपको आने - जाने में दिक्कत न हो। इसके लिए आपको सोलर पैनल को सतह से 7 से 8 फीट की ऊँचाई पर लगाने का सुझाव दिया जाता है।
Step 6: Analysis Point - Foundation
यदि आप अपने छत पर सोलर पैनल को 8 फीट की ऊँचाई पर लगा रहे हैं, तो इसका फाउंडेशन या पिलर मजबूत होना चाहिए। ताकि आपको आँधी - तूफान में भी कोई परेशानी न हो। बता दें कि आज के समय में आपकी छत भी जमीन से कम से कम 50 फीट की ऊँचाई पर आराम से होती है।
Step 7: Analysis Point - Angle
इसकी आसान परिभाषा यह है कि जम्मू-कश्मीर या लद्दाख जैसे किसी भी उत्तर भारतीय राज्य में Angle सबसे ज्यादा रहता है। बता दें कि यहाँ ऊँचाई के कारण आपको 40 डिग्री का ऐंगल काफी आसानी से मिल जाता है। वहीं, जैसे जैसे आप दक्षिण भारत की ओर बढ़ते जाते हैं, यह ऐंगल कम होते जाता है। यहाँ आपको करीब 15 डिग्री का ऐंगल मिलता है।
Step 8: Analysis Point - Water Proofing
आप अपने सोलर पैनल को बारिश से बचाने के लिए fibber / teen / cement sheet using EPDM tape जैसे किसी भी ऐसे संसाधन का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे आपको अच्छी धूप भी मिल जाए और पानी से बचाव भी हो जाए।
Step 9: Analysis Point - Cleaning Option
बता दें कि यदि आपने अपनी छत पर सोलर पैनल लगाया है, तो इसकी साफ - सफाई का इंतजाम करना आपके लिए बेहद जरूरी है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो सोलर पैनल पर काफी धूम जम जाएगा और इससे आपको पूरी बिजली मिलने में दिक्कत होगी। इसलिए यदि आपके घर में supply water tank है, तो आप इसमें एक Sprinkler लगा कर, सोलर पैनल पर लगा सकते हैं। इससे आप सुबह में जब भी मोटर चलाएंगे, आपका पैनल साफ हो जाएगा। इसे आप एक Wiper की मदद से अच्छी तरह से साफ कर सकते हैं।
Step 10: Analysis Point - Wiring Route
बता दें कि सोलर पैनल से छत पर इंवर्टर बैटरी, डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड और इलेक्ट्रिकी सिटी बोर्ड तक में कई प्रकार के तार जुड़े होते हैं। आम तौर पर, घरों में Solar Wiring के लिए कोई रूट नहीं मिल पाता है। इसकी वजह यह है कि आज के समय में लोग अपने घरों को सोलर के हिसाब से नहीं बनाते हैं और यही कारण है कि उन्हें सोलर वायरिंग बाहर से करनी पड़ती है, जिससे उनके घर का लुक भी बिगड़ता है और Re-construction में काफी खर्च भी आता है।
निष्कर्ष
इतना जानने के बाद, यदि आप कोई नया घर खरीद या बना रहे हैं और इसमें आगे चलकर आपकी सोलर सिस्टम लगाने की योजना है, तो आप इन सभी बातों का ध्यान जरूर रखें। इससे आपके घर का लुक भी अच्छा होगा, Re-construction में आने वाले खर्च और समय की भी बचत होगी।