दिल्ली - एनसीआर, दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। सरकार द्वारा यहाँ प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए अपने स्तर पर कई तरह के प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि यह एक रहने योग्य शहर बना रहे।
पहला प्रयास
सरकार ने दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए वाहनों को लेकर कई तरह के प्रयास शुरू किये हैं। कुछ समय पहले यहाँ Odd - Even Scheme को शुरू किया गया था। फिलहाल, इस दिशा में एक योजना यह है कि यहाँ जितने भी Commercial Vehicles हैं, उसे इलेक्ट्रिक होना चाहिए। इन वाहनों का Amazon, Flipkart, India Post जैसे डिलिवरी संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, आम लोगों को इससे छूट दी गई है।
दूसरा प्रयास
आज के समय में दिल्ली में जितने भी Commercial, Industrial Building या Society हैं। वहाँ के लोग अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी हद तक जनरेटर पर निर्भर हैं। इसलिए सरकार द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए, जनरेटर के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया है।
क्यों होता है जनरेटर का इस्तेमाल
बता दें कि लोग जनरेटर का इस्तेमाल Power Cut Low और Voltage जैसी समस्याओं से निपटने के लिए करते हैं। यह एक Infinite Source of Power है। इसलिए लोग इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसके उपयोग से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है।यदि आपका जनरेटर डीजल के साथ, सीएनजी पर भी चलता है। तो शायद आपको थोड़ी आसानी हो सकती है। लेकिन किसी भी पुराने ग्राहक के लिए इसे बदलना काफी मुश्किल होता है।ऐसे में आप अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर सिस्टम अपना सकते हैं और खुद को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
क्या होता है खर्च में अंतर
बता दें कि यदि आपके पास 10 किलो वाट से लेकर 15 किलो वाट का जनरेटर है, तो इसे खरीदने में आपको 2.5 से 3 लाख रुपये का खर्च आसानी से आएगा। लेकिन, वहीं, यदि आप 15 किलो वाट का Solar System लेते हैं, तो इसे खरीदने में आपको करीब 15 लाख रुपये का खर्च आएगा।इस लिहाज से जनरेटर और सोलर सिस्टम के शुरुआती लागत में काफी अंतर है। यही कारण है कि लोग सोलर सिस्टम को खरीदने से बचते हैं और अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए जनरेटर अपनाते हैं।
जनरेटर को चलाने में आता है भारी खर्च
जनरेटर का शुरुआती खर्च भले ही कम हो। लेकिन इसे हर महीने चलाने में काफी खर्च आता है। बता दें कि यदि आप हर दिन केवल 2 घंटे भी जनरेटर चलाते हैं, तो हर महीने 30 से 40 हजार का खर्च आना कोई बड़ी बात नहीं है। साथ ही, इसे रखरखाव की भी काफी जरूरत होती है।वहीं, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में जितने भी Business Owner हैं। वे अपना जनरेटर नहीं खरीदते हैं, बल्कि इसे रेंट पर लेते हैं। इसके बावजूद हर महीने 15 से 20 हजार रुपये का खर्च आना कोई बड़ी बात नहीं है।
अपनाएं सोलर
इन्हीं सब चीजों को देखते हुए, आप अपने यहाँ Solar System Install करवा सकते हैं। इससे आपको हर महीने आने वाले बिजली बिल से तो राहत मिलेगी ही, आपको बिजली कटौती की समस्या का भी सामना कभी नहीं करना पड़ेगा।
कितने का सोलर सिस्टम लगवाएं
यहाँ आप अपनी जरूरत के हिसाब से 5 से 15 किलो वाट या उससे भी अधिक के सोलर सिस्टम को लगवा सकते हैं। बता दें कि आपको प्रति किलो वाट करीब 1 लाख रुपये का खर्च आता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस ब्रांड, किस कैपेसिटी और किस रेटिंग के Solar Products को खरीद रहे हैं।
निष्कर्ष
यदि आप अपने यहाँ बड़े पैमाने पर सोलर सिस्टम लगाना चाहते हैं, तो आपको साइट सर्वे की जरूरत पड़ेगी। आज यह सुविधा आपको Loom Solar द्वारा प्रदान की जाती है। आपके द्वारा साइट सर्वे बुक करने के बाद, हमारे इंजीनियर आपके यहाँ जाएंगे और आपकी जरूरतों को देखते हुए, सोलर इंस्टालेशन के हर लेवल पर आपकी पूरी मदद करेंगे।