छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से जुड़, मध्य भारत का एक खनिजों और प्राकृतिक संपदा से संपन्न एक खुशहाल राज्य है। छत्तीसगढ़ की खदानों से निकलने वाला कोयला एक तरफ जहां देश के बिजली घरों की कोयला जरूरतों को पूरा करता है, वहीं यहां से निकलने वाला लौह अयस्क देश की प्रगति को नई दिशा प्रदान कर रहा है। देश के इस सबसे खुशहाल राज्यों में से एक छत्तीसगढ़ में भी सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ रहा है और यहां पर लोग तेजी से इसे अपना रहे हैं। वे सोलर सिस्टम से बिजली प्राप्त कर पर्यावरण को भी सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार का प्रयास
राज्य में आम लोगों को सोलर पॉवर सिस्टम को तेजी से अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने सब्सिडी देने की घोषणा की है। ऐसे में लोगों का सोलर सिस्टम के प्रकार के बारे में जानना जरूरी है।
1. ऑफग्रिड सोलर सिस्टम
इस सोलर सिस्टम में इनवर्टर, बैटरी और सोलर सिस्टम आता है, जिनमें से सोलर पैनल को छत्त पर और इनवर्टर और बैटरी को घर के अंदर लगाकर सोलर एनर्जी प्राप्त की जा सकती है। इसमें ग्राहक ग्रिड कनेक्शन प्राप्त ना होने पर ऑफग्रिड सोलर सिस्टम से अपने घर पर ही बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
2. ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम
इस सोलर सिस्टम में इनवर्टर और सोलर पैनल का उपयोग किया जाता है। इस में सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली सीधे ग्रिड में चली जाती है और ग्रिड से आने वाली बिजली का उपयोग ग्राहक कर लेता है। इसके अंतर का भुगतान ग्राहक द्वारा किया जाता है।
सोलर पॉवर सिस्टम कैसे काम करता है?
सोलर पॉवर सिस्टम में सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए छत्त पर सोलर पैनल लगाए जाते हैं, जो कि सोलर एनर्जी को बैटरी तक लेकर जाते हैं और बैटरी इनवर्टर के माध्यम से आपके घर के बिजली के चलने वाले विभिन्न उपकरणों को एनर्जी प्रदान करते हैं। इसमें सोलर पैनल्स को अधिक से अधिक समय तक सूर्य की सीध में रखा जाता है।
इससे क्या क्या फायदें?
सोलर सिस्टम लगवाने से पॉवर बैकअप मिलता है और बिजली का बिल कम करने में मदद मिलती है। वहीं एक बड़े रूफटॉप सिस्टम लगवा कर बिजली को ग्रिड में सप्लाई कर निवेश पर अच्छा रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। घर या ऑफिस का बिल भी आधे से अधिक कम करके निवेश पर रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है।
सोलर सिस्टम का चयन कैसे करें?
किसी अच्छी कंपनी, जैसे लूम सोलर सिस्टम से सोलर सिस्टम खरीदना और इसके बारे में सलाह प्राप्त करना अधिक लाभदायक है। इसके साथ ही ऑफ ग्रिड और ऑन ग्रिड की जरूरत के अनुसार सोलर सिस्टम को खरीदना चाहिए।
सोलर सिस्टम पर किसी तरह की सब्सिडी मिलती है?
बैटरी आधारित सोलर सिस्टम लगवाने पर ग्राहक को सोलर सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है। इस संबंध में ग्राहकों को छत्तीसगढ़ के सिस्टम इंटीग्रेटर्स से संपर्क करना होगा, जिनको सरकार से मान्यता प्राप्त है। ग्राहक को पूरा नया सिस्टम खरीदना होगा, जिसमें 150 एएच क्षमता की बैटरी होनी चाहिए।
इसकी प्रक्रिया क्या है?
चरण 1: स्थानीय स्तर पर क्रेडा सिस्टम इंटीग्रेटर्स सूची को खोजें।
चरण 2: अपनी पात्रता को जांचें, सिस्टम इंटीग्रेटर्स आपके आधार पर ग्राहक सूचनाओं को प्राप्त कर आपका आवेदन कर देंगे।
चरण 3: अपने ऑर्डर के 100 प्रतिशत भुगतान की पुष्टि करें।
चरण 4: ग्राहक के घर या ऑफिस पर उत्पाद की आपूर्ति की जाएगी।
चरण 5: वे जगह का सर्वेक्षण, सिस्टम लगाने और इंस्टालेशन रिपोर्ट को तैयार कर जमा करवाएंगे।
चरण 6: ग्राहक को सिस्टम लगने के 15 दिनों में सब्सिडी यानि अनुदान राशि मिल जाएगी।
सोलर विक्रता सरकार के साथ सोलर बिज़नेस कैसे कर सकते हैं?
सोलर सिस्टम विक्रेता सिस्टम इंटीग्रेटर के तौर पर सरकार के साथ पंजीकृत होकर ग्राहकों को सोलर सिस्टम बेचना शुरू कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने सभी कारोबारी दस्तावेजों और कैटेगरी को चुनकर, जरूरी सरकारी शुल्क जमाकरवा कर सिस्टम इंटीग्रेटर बनना होगा। इस संबंध में उनको अपनी पात्रता देखनी होगी। उनको प्राइवेट लिमिटेड या पार्टनर कंपनी नहीं होना चाहिए। स्टार्टअप इंडिया के तहत वे एक साल से कार्यरत हों और स्टार्टअप इंडिया में सूची बद्ध हों। उनके पास ए क्लस कांट्रेक्टर सर्टीफिकेट होना चाहिए और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग सर्टीफिकेट भी होना चाहिए। इसके साथ ही सीईडीए आवेदन, मोहर और हस्ताक्षर के साथ होना चाहिए।
इस आवेदन के लिए वे कुल 3 लाख 31 हजार रुपए खर्च कर सिस्टम इंटीग्रेटर बन सकते हैं। इसमें 1 लाख रुपए नए पंजीकरण की फीस, 2 लाख रुपए 5 साल के जमानत के तौर पर जो कि रिफंडेबल है, 1000 रुपए अन्य दस्तावेजों जैसे फिजीकल वेरिफिकेशन, ऑफिस, गोदाम और कर्मचारियों की संख्या आदि की जानकारी देनी होगी।
सभी दस्तावेजों की पुष्टि के बाद 10 दिनों में सिस्टम इंटीग्रेटर्स का प्रमाणपत्र मिल जाएगा।
वेंडर पंजीकरण:
-वेंटर पंजीकरण फीस 30 हजार रुपए है। कंपनी की तरफ से सभी उत्पादों की टेस्ट रिपोर्ट, कंपनी प्रोफाइल, ओईएम पत्र और अधिकृत पत्र के आधार पर वेंटर पंजीकरण हो जाएगा।
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सोलर विक्रेता को सरकार के साथ बिजनेस करने से क्या लाभ है?
-इससे सोलर विक्रेता को सरकारी तौर पर मान्यता प्राप्त होने के कारण अधिक ग्राहक प्राप्त होंगे क्योंकि ग्राहकों का अधिक भरोसा होगा। वहीं सरकारी परियोजनाओं में टेंडर भरने का मौका मिलेगा। ट्रस्ट आदि का काम करने का मौका मिलेगा और वे ग्राहकों के भरोसे के विक्रेता होंगे।
इसमें सोलर विक्रेता को निवेश के आधार पर रिटर्न मिलेगा। वहीं फील्ड में काम करने का मौका मिलेगा और इस दौरान नए ग्राहक भी मिलेंगे। उनको ग्राहकों को जरूरी सर्विसेज भी प्रदान करनी होंगी और इस दौरान कारोबार के लक्ष्य तय कर कारोबार बढ़ाने का मौका मिलेगा।
आवेदन कहां पर करना है?
आप इस संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने स्थानीय बिजली विभाग से सिस्टम इंटीग्रेटर्स (पूरी लिस्ट यहाँ से देखें: https://creda.co.in/SI) के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ निवासी निम्नलिखित नंबर पर: 9685284845 कॉल कर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।