आज के दौर में यदि कोई सोलर सिस्टम खरीदना चाहता है, तो उसके मन में सबसे पहला सवाल होता है कि उन्हें अपने घर के लिए कितने सोलर पैनल की जरूरत होगी और इसे लगाने में कितना खर्च आएगा?
तो इस लेख के जरिए, हम वैसे ग्राहकों की दुविधा को खत्म करने जा रहे हैं, ताकि उनके सोलर की ओर शिफ्ट की राह काफी आसान हो जाए।
कस्टमर - 1 (सिंगल बैटरी)
सिर्फ टीवी और पंखा जैसी जरूरतों के लिए कितने सोलर पैनल की पड़ेगी जरूरत?
अमूमन किसी परिवार में 8 से 10 सदस्य होते हैं। ऐसे घरों में अधिकतम 10 पंखा, लाइट, टीवी और फ्रिज आदि होते हैं। ऐसे घरों के लिए पावर बैकअप सॉल्यूशन के तौर पर, एक इन्वर्टर बैटरी पर्याप्त होगी।
यदि किसी के पास इन्वर्टर बैटरी नहीं है, तो उन्हें सबसे पहले एक 150 एएच की एक बैटरी खरीदने की जरूरत पड़ेगी, जिसमें उन्हें करीब 15 से 20 हजार का खर्च आएगा।
सरकारी बिजली पर नहीं कर सकते हैं भरोसा
पूरे देश में लोगों को गर्मियों में और बारिश के दिनों में बिजली की काफी परेशानियों को झेलना पड़ता है। कभी ओवरलोडिंग के कारण ट्रांसफार्मर जल जाता है, तो कभी आंधी के कारण कहीं तार गिर जाती है। वहीं, कभी-कभी भारी बारिश के कारण लंबे समय तक, लोगों को बिजली नहीं मिल पाती है।
ऐसी स्थिति में, जिनका घर शहर से जितनी दूर होती है और बिजली भी उतनी ही देरी से मिलती है। वहीं, बिना बिजली के आज दूरदराज के क्षेत्रों में भी लोगों की जिंदगी काफी कठिन हो जाती है।
सोलर से मिलेगी राहत
लोग अपनी इन सभी मुसीबतों को दूर करने के लिए, सोलर सिस्टम की ओर रुख कर सकते हैं। इससे आपको धूप के जरिए, सालों भर हमेशा बिजली मिलती रहेगी और आपका पंखा, लाइट, टीवी, फ्रिज चलता रहेगा।
कितने सोलर पैनल की जरूरत होगी?
यदि आपके पास एक 150 एएच की सिंगल इन्वर्टर बैटरी है, तो आपको इसे चार्ज करने के लिए 15 एम्पीयर करंट की जरूरत पड़ेगी। इससे 10 घंटे में आपका बैटरी फुल चार्ज हो जाएगा।
बता दें कि बैटरी में 1.5 यूनिट की स्टोरेज कैपिसिटी होती है और एक लूम सोलर के एक Shark Solar Panel से पूरे दिन में 2 यूनिट बिजली बनती है। यदि इससे हम सिर्फ अपनी बैटरी चार्ज करते हैं, तो यह आसानी से हो जाएगा। लेकिन यदि इस पर हम कुछ अतिरिक्त लोड देते हैं, तो उसके लिए कम से कम 1 किलोवाट का सोलर पैनल चाहिए।
इससे बैटरी तो फुल चार्ज होगा ही, दिन के समय में आप इसका भरपूर इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
कितना आएगा खर्च?
यदि आपने 15 से 20 हजार की लागत से बैटरी को पहले ही खरीद लिया है, तो आपको सोलर सिस्टम को खरीदने में 35 से 40 हजार का खर्च और आएगा और आपकी पावर ग्रिड पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी।
यदि आप इतना खर्च एक बार में नहीं करना चाहते हैं, तो आप 3 महीने से 9 महीने तक के लिए ईएमआई पर भी खरीद सकते हैं।
कस्टमर - 2 (डबल बैटरी)
अब बारी आती है, वैसे ग्राहकों की, जिनके घर में दो बैटरी हैं।
सामान्य रूप से किसी के यहाँ दो बैटरी, उन्हीं के घर में होती है। जिनका घर दो फ्लोर का है। दो बैटरी एक किलोवाट से लेकर दो किलोवाट तक की मशीनों को सपोर्ट करता है और इससे लोग अपने समरसेबल पंप को आसानी से चला सकते हैं।
इससे साफ है कि कोई बैटरी इसलिए रखते हैं कि, वे जरूरत पड़ने पर अपने समरसेबल को चला सकें और उन्हें जनरेटर की कोई जरूरत न हो। आपने गौर किया होगा कि आज दूरदराज के इलाकों में भी हैंड पंप लगभग खत्म हो चुके हैं और उन्हें बिजली जाने पर पानी के लिए कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
कई लोग बिजली जाने पर अपनी पानी की टंकी को भरने के लिए जनरेटर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन हर कोई 1000 लीटर के टंकी को भरने के लिए, जनरेटर का खर्च वहन करने का सामर्थ्य नहीं रखता है।
वहीं, यदि कोई जनरेटर चलाने का खर्च उठा सकता है, तो इन्वर्टर बैटरी भी आसानी से लगा सकता है। यदि आप अपने घर में दो बैटरी इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपके पास जो इन्वर्टर है, उसकी क्षमता बढ़ाकर आप 5 किलोवाट कर दें।
दरअसल, आज देश के अधिकांश बड़े शहरों में भूजल स्तर काफी तेजी से नीचे गिर रहा है और 300 फीट से लेकर 800 तक में पानी का स्तर मिलना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन, आज तक किसी भी कंपनी ने यह आधिकारिक तौर पर पता ही नहीं किया कि इतनी ज्यादा गहराई से पानी खींचने के लिए मोटर कितनी बिजली का इस्तेमाल करेगा।
लेकिन, आमतौर पर किसी को भी समरसेबल पंप चलाने के लिए 11 एम्पीयर बिजली की जरूरत पड़ती है और ऐसे में, जब तक आप 13 एम्पीयर का इन्वर्टर नहीं लगाते हैं, मोटर नहीं चलेगा।
क्या है सॉल्यूशन?
आप अपने इन्वर्टर की कैपिसिटी को हमेशा बढ़ाकर रखें। यदि आपके पास 1 केवी या 2 केवी का इन्वर्टर है, तो आप उसे तुरंत कम से कम 5 केवी कर लें।
अब यदि आपको अपने इन्वर्टर को बदलने की जरूरत है, तो आप लूम सोलर के Fusion Inverter को प्राथमिकता दे सकते हैं। यह बाजार में उपलब्ध सबसे हाई इफिशियंसी इन्वर्टर है।
बता दें कि बाजार में फिलहाल जितने भी इन्वर्टर मिल रहे हैं, वे सभी पुरानी टेक्नोलॉजी वाले हैं और आप उन पर कुल क्षमता का अधिकतम 80 फीसदी ही लोड दे सकते हैं। लेकिन फ्यूजन इन्वर्टर पर आप 100 फीसदी लोड दे सकते हैं और इसमें आपको कभी भी ओवरलोडिंग की परेशानी नहीं आएगी।
फ्यूजन इन्वर्टर को Wall Mounted के रूप में कहीं भी लगाया जा सकता है और इसके लिए आपको ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होगी। साथ ही, यह यह इन्वर्टर MPPT टेक्नोलॉजी से लैस होती है। जिसके तहत आप इन्वर्टर में एक प्रोफाइल सेट कर सकते हैं कि सोलर पैनल, बैटरी और बिजली पर ऑटोमेटिकली शिफ्ट हो जाएगा और आपको कोई परेशानी नहीं होगी।
कैसी बैटरी का करें चयन?
बैटरी के तौर पर आप लूम सोलर के CAML 100 बैटरी को प्राथमिकता दें। इस बैटरी का डिजाइन सबसे अनोखा है और यह चार बैटरी के बराबर अकेले है। इसे एक कैबिनेट के अंदर रखा जाता है और इसमें एसिड की भी कोई जरूरत नहीं पड़ती है। इस लिहाज से इसे न तो ज्यादा जगह की जरूरत है और न ही कोई देखभाल की।
साथ ही, आपको हर महीने रखरखाव पर आने वाले खर्च से ही राहत मिलेगी। यह बैटरी IOT से लैस है और इसे मोबाइल या लैपटॉप से कहीं से भी कंट्रोल किया जा सकता है। इस बैटरी को सिर्फ आधे घंटे में ही 50 फीसदी चार्ज किया जा सकता है और इसमें ओवर हीटिंग को रोकने के लिए एक फैन भी लगाया गया है।
कितना आएगा खर्च?
इस इन्वर्टर बैटरी को लगाने के लिए आपको करीब 1 लाख 90 हजार रुपये का खर्च आएगा। एक बार इतना खर्च कर देने के बाद, आपके लिए जनरेटर की चिन्ता बिल्कुल खत्म हो जाएगी और यदि आपके यहाँ 5 दिनों तक भी बिजली नहीं आती है, तो भी आपका मोटर चलता रहेगा।
वहीं, यदि आपने एक बार इन्वर्टर बैटरी लगा लिया, तो आगे चल कर आप सोलर सिस्टम के बारे में भी सोच सकते हैं और खुद को बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
1 comment
PASHUPATINATH CHAUDHARY
Sir
Pls address send me