रूफटॉप सोलर सिस्टम के दो प्रकार सबसे ज्यादा लगाए जा रहे हैं - ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड। आज हम जानेंगे कि यदि आप ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम लगवा रहे हैं तो सोलर पैनल, बैटरी और इन्वर्टर का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है। सबसे पहले इन्वर्टर का कैलकुलेशन करेंगे, फिर बैटरी का और अंत में सोलर पैनल का कैलकुलेशन करेंगे। आइए जानते हैं।
Table of Contents
Step 1: Load Calculation
Step 2: Inverter Capacity
Step 3: No. of Batteries
Step 4: No. of Solar Panels
Step 1: लोड कैलकुलेशन (Load Calculation)
जब ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम लगाते हैं, तो लोड का कैलकुलेशन करना बेहद जरूरी होता है, ताकि सिस्टम लगने के बाद ओवरलोड, पावर बैकअप या बिजली बिल में कम बचत जैसी समस्याओं से बचा जा सके। लोड कैलकुलेशन के लिए दो तरीके हैं - क्लैंप मीटर और मैन्युअल प्रोसेस। मैन्युअल प्रोसेस से केवल एक अंदाजा लगाया जा सकता है, जबकि क्लैंप मीटर सही डेटा प्रदान करता है। क्लैंप मीटर ऐसा होना चाहिए जो AC और DC दोनों को सपोर्ट करे।
पहले उस स्थान पर सभी उपकरण चला दें, जहां आप सोलर लगाना चाहते हैं, और क्लैंप मीटर को डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के पास वायर में लगा दें। मीटर पर जितनी एम्पीयर रीडिंग आती है, उसे वोल्टेज से गुणा करें। उदाहरण के लिए, अगर क्लैंप मीटर में 15 Amp दिखाता है और वोल्टेज 220V है, तो वहाँ लगभग 3,300 वाट का लोड चल रहा होगा।
Step 2: इन्वर्टर का चुनाव (Inverter Capacity)
पहले स्टेप में लोड का अंदाजा लगाने के बाद इन्वर्टर का सही चुनाव करना जरूरी है। इस ब्लॉग में इन्वर्टर के प्रकार की अधिक जानकारी दी गई है। हमारे अनुसार, जितना लोड चलाना चाहते हैं, उसका कम से कम 50% अधिक इन्वर्टर क्षमता रखें ताकि ओवरलोड की समस्या न हो। इन्वर्टर चुनते समय यह ध्यान रखें कि आपको सिंगल फेज़ या थ्री फेज़ इन्वर्टर की जरूरत है। अगर आपका उपकरण थ्री फेज़ से चलता है और आपने सिंगल फेज़ इन्वर्टर खरीदा, तो वह उपकरण नहीं चलेगा। थ्री फेज़ सोलर इन्वर्टर में लोड समान रूप से बंटता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने 10kW का थ्री फेज़ इन्वर्टर लगाया है, तो आप इसके सिंगल फेज़ पर केवल 3000-3300 वाट का लोड चला सकते हैं।
Step 3: बैटरी का चुनाव (No. of Batteries)
इन्वर्टर चुनने के बाद बैटरी का चुनाव करें। यह तय करने के लिए कि कितनी बैटरियों की जरूरत है, आपको यह जानना जरूरी है कि कितने घंटे का पावर बैकअप चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर आपके यहां चार घंटे का पावर कट होता है और आप 500 वाट का लोड चलाना चाहते हैं, तो आपको 2000 वॉट/घंटे का स्टोरेज चाहिए। बैटरी दो प्रकार की होती हैं - लीड एसिड और लिथियम बैटरी।
Step 4: सोलर पैनल का चुनाव (No. of Solar Panels)
जब इन्वर्टर और बैटरी का सही चुनाव हो जाए, तो सोलर पैनल का चयन करें। इसे दो तरीकों से किया जा सकता है:
- बैटरी की क्षमता के अनुसार: जितने Ah की बैटरी होती है, उसके 2-3 गुना सोलर पैनल लगाएं।
- इन्वर्टर के प्रकार के अनुसार: अगर सोलर इन्वर्टर 12V का है, तो 12V सोलर पैनल लगाएं, और अगर इन्वर्टर 24V का है, तो 24V सोलर पैनल लगाएं।
12V सोलर पैनल में 10W, 20W, 55W और 225W पैनल होते हैं, जो 12V इन्वर्टर को सपोर्ट करते हैं। 24V सोलर पैनल में 450W, 455W, 550W और 575W पैनल होते हैं, जो 24V इन्वर्टर को सपोर्ट करते हैं।
निष्कर्ष
अगर आप ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम लगाने की तैयारी कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।