कोरोना महामारी के कारण खुदरा बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया और दुकानदारों को कई आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, जैसे-जैसे अब स्थिति सामान्य हो रही है, उनकी जिंदगी पटरी पर लौट रही है।
लेकिन, बीते दो वर्षों के कारण डिजिटल मार्केटिंग का चलन काफी बढ़ गया है। जिस वजह से, दुकानदारों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
लेकिन इस लेख के जरिए, आज हम उन्हें बताने जा रहे हैं कि वे सोलर सेक्टर से जुड़ कर किस तरह से, अपनी आमदनी के एक वैकल्पिक साधन को विकसित कर सकते हैं।
कितना बड़ा है दायरा
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 17 लाख गीगावाट प्रति घंटे रूफटाप सोलर एनर्जी को विकसित करने क्षमता है, जबकि देश की मौजूदा बिजली की मांग हर साल 13 लाख गीगावाट प्रति घंटे ही है।
इस लिहाज से, यह स्वाभाविक है कि आने वाले कुछ वर्षों में भारत में सोलर एनर्जी की माँग में काफी तेजी आएगी। क्योंकि इससे लोगों को हर महीने आने वाले भारी बिजली के बिल से छुटकारा मिलने के साथ ही, पर्यावरण की सुरक्षा भी बढ़ेगी।
और, इस मुहिम को मजबूती देने में दुकानदार उल्लेखनीय भूमिका निभा सकते हैं।
उदाहरण से समझिए!
आज भारत में एक छोटा-मोटा शहर भी कम से कम 5 किलोमीटर के दायरे में फैला होता है। इन शहरों में अमूमन 10000 से लेकर 20000, तक दुकानें होती हैं और इन पर आस-पास के 50-100 गांव निर्भर होते हैं।
लेकिन, ऑनलाइन मार्केट के चलन बढ़ने के कारण बीते कुछ वर्षों से दुकानदारों को अपना कारोबार चलाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
झारखंड के गढ़वा में रहने वाले राजेश ऐसे ही एक कारोबारी हैं। राजेश बीते कई वर्षों से साइबर कैफे चलाने का काम कर रहे थे। लेकिन, आज के दौर में इंटरनेट की सुविधा गांव के अंतिम इंसान तक हो चुकी है, जिस वजह से उनकी कमाई का जरिया बंद हो गया था।
चूंकि, राजेश ने शुरू से ही साइबर कैफे चलाने का काम किया था। इस वजह से कोई दूसरा काम शुरू करना उनके लिए काफी मुश्किल था।
इसी जद्दोजहद में, उन्हें 2018 में अपने साइबर कैफे में आने वाले एक युवा से लूम सोलर के बारे में पता चला। चूंकि, उस वक्त गढ़वा में बिजली की समस्या भी काफी मुश्किल थी। इसलिए राजेश ने थोड़ी राहत के लिए अपनी छत पर तीन सोलर पैनल लगवा लिए।
इसके बाद, उन्हें अहसास हुआ कि उन्होंने खुद तो सोलर पैनला लगा ही लिया है, तो क्यों न इसका डिस्ट्रीब्यूटशिप भी हासिल किया जाए और इसी सोच के तहत, वह लूम सोलर कंपनी के साथ, एक डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर जुड़ गए।
आज, उनके पास गढ़वा के अलावा देवघर और गिरिडीह जैसे झारखंड के अन्य जिलों से भी ऑर्डर आते हैं और उनके महीने का कारोबार करीब 10 लाख रुपये का है।
नहीं पड़ेगी ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत
चूंकि, दुकानदारों को ग्राहकों को खोजने के लिए किसी के घर जाने की जरूरत नहीं है। इस वजह से बाजार पर उनकी पकड़ काफी जल्दी बन जाती है और उनके लिए अपनी अतिरिक्त कमाई के लिए सोलर डीलरशिप और डिस्ट्रीब्यूटरशिप सबसे अच्छा विकल्प है।
क्योंकि, आप पहले से कोई भी बिजनेस कर रहे हैं, यदि आप अपनी दुकान पर सोलर पैनल रखेंगे, तो लोग आपसे इसके बारे में एक बार जरूर पूछेंगे और आगे चल खरीदेंगे भी।
पड़ेगी ट्रेनिंग की जरूरत
यदि किसी दुकानदार ने सोलर सेक्टर में काम करने का मन बना लिया है, तो उन्हें एक समुचित ट्रेनिंग की जरूरत पड़ेगी, ताकि वे इस विषय में और अधिक गहराई से जानकारी और जरूरी स्किल को हासिल कर सकें।
ऐसे लोगों की मदद के लिए लूम सोलर द्वारा हर शनिवार को ‘Learn Solar’ नाम से एक ट्रेनिंग प्रोग्राम को चलाया जाता है। जिसमें विभिन्न माध्यमों के जरिए 1000 से भी अधिक लोग हिस्सा लेते हैं और इस्टालेशन से लेकर मार्केटिंग तक में, अपनी समझ को बढ़ाते हैं। इसके लिए उन्हें कोई फीस देने की जरूरत नहीं पड़ती है।
लूम सोलर के साथ फिलहाल, पूरे देश में 3500 से भी अधिक डीलर्स काम कर रहे हैं।
कितना होगा खर्च?
यदि आप लूम सोलर के साथ एक डीलर के रूप में काम करना चाहते हैं, तो इसके लिए रजिस्ट्रेशन फीस 1000 रुपये है। वहीं, डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए फीस 5000 रुपये है।
एक बार, लूम सोलर से जुड़ने के बाद आप अपने इलाके के सोलर आंत्रेप्रेन्योर बन जाते हैं और हर महीने आपकी अच्छी कमाई हो जाती है। जिससे आपको अपने घर-परिवार को चलाने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
कितना होगा फायदा?
यदि देखा जाए, तो रियल एस्टेट और टेलीकॉम इंडस्ट्री जैसे बड़े सेक्टर में प्रॉफिट मार्जिन सिर्फ 2 प्रतिशत है। लेकिन सोलर सेक्टर में प्रॉफिट मार्जिन 10 से 25 है और जैसे-जैसे इस सेक्टर में तेजी आएगी, कमाई के साधन भी स्वाभाविक रूप से और अधिक बढ़ जाएंगे।
क्या होगी जरूरत?
यदि आप लूम सोलर के साथ एक डीलर या डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में काम करना चाहते हैं, तो आपके पास कम से कम 10x10 की अपनी एक दुकान होनी चाहिए, ताकि आप ग्राहकों के लिए एक स्थानीय केन्द्र के रूप में काम कर सकें और किसी भी परेशानी में वे आपसे मदद मांग सकें। हालांकि, उनकी मदद के लिए लूम सोलर की ऑनलाइन टीम तो रहेगी ही।
कंपनी अपने सभी डीलर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स को ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों माध्यमों के जरिए हमेशा पूरी मदद करती है।
कैसे जुड़ें?
- डीलरशिप / डिस्ट्रीब्यूटर्स के तौर पर जुड़ने के लिए या अधिक जानने के लिए https://www.loomsolar.com/collections/dealers-distributor-business-opportunities-in-india पर क्लिक करें।
- इन्फ्लुएंसर के तौर पर लूम सोलर से जुड़ने के लिए https://www.loomsolar.com/pages/become-an-affiliate-earn-money पर क्लिक करें।