कैसे सोलर पैनल लगाकर खुद का बिजली बना सकतें है?

आज के समय में पावर कट और लगातार महंगी होती बिजली के कारण बाजार में सोलर सिस्टम की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है। यह एक ऐसा उपाय है, जिससे आप बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो सकते हैं। तो, आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप बिना बिजली विभाग के अनुमति के सोलर सिस्टम कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं?

किस तरह का सोलर सिस्टम लगाएं

आज के समय में बाजार में 3 तरह के सोलर सिस्टम मिलते हैं - ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System), ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम (Off Grid Solar System), हाइब्रिड सोलर सिस्टम (Hybrid Solar System)।

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System) एक ऐसा सोलर सिस्टम होता है, जिसमें आपके सोलर पैनल को पावर ग्रिड से कनेक्ट किया जाता है। इससे केवल आपके महीने का बिजली बिल कम हो जाता है, लेकिन आपको पावर कट की समस्या से मुक्ति नहीं मिलती है। साथ ही, इसे लगाने के लिए आपको सरकारी की अनुमति भी चाहिए होती है।लेकिन, ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम (Off Grid Solar System), हाइब्रिड सोलर सिस्टम (Hybrid Solar System) से आप बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

क्योंकि, इसमें सोलर पैनल के साथ इंवर्टर और पावर बैकअप के लिए बैटरी जैसे कंपोनेंट भी होते हैं। यदि आप इस सोलर सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं, तो आप एनर्जी इंडीपेंडेंट हो सकते हैं और अपने घर में बिजली की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

हर जगह लगा सकते हैं यह सोलर सिस्टम

ऐसा नहीं है कि आप जहाँ पर पावर कट हो रहा है केवल वहीं पर ऑफ ग्रिड या हाईब्रिड सोलर सिस्टम लगा सकते हैं। इसे आप अपनी बिजली बिल को भी जीरो करने के लिए भी कहीं भी आसानी से लगा सकते हैं। इस सिस्टम से आप ईवी चार्जिंग से लेकर एसी चलाने तक के लिए अपनी बिजली की सभी जरूरतें पूरी कर सकते हैं।

काम कैसे करेगा यह सिस्टम

आप सोलर पैनल से दिन के समय में घर के जितने भी उपकरण हैं, उसे आसानी से चला सकते हैं। इसके साथ ही, आप बैटरी भी चार्ज कर सकते हैं।

वहीं, रात या पावर कट में बिजली की जरूरतों के लिए पावर बैकअप के तौर पर बैटरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। अधिक बैकअप के लिए ज्यादा कैपेसिटी के बैटरी को रखें। भारत में औसत रूप से 1.5 किलोवाट का बैटरी रहता है, तो एक घर में आम तौर पर जो बिजली की खपत होती है, वह 8 से 10 यूनिट का होता है। दिन के समय में 4 यूनिट और रात में 4 से 6 यूनिट बिजली की खपत होती है।

यदि आप अपने घर पर 6 किलोवाट ऑवर का बैटरी रखते हैं, तो आप अपने घर में बिजली की सभी जरूरतों को सोलर सिस्टम से आसानी से पूरा कर सकते हैं।और, हम यह रिकमेंड नहीं करेंगे कि आप अपने पावर ग्रिड की बिजली को कटवा दें। क्योंकि सोलर पैनल से आपको भारत में साल के 365 दिनों में से लगभग 300 दिनों तक बिजली मिलती है। बाकी 65 दिनों के लिए आपको बारिश या बादल के कारण दिक्कत आ सकती है।

खर्च

लॉन्ग टाइम इंवेस्टमेंट है। इसमें आपको प्रति किलोवाट 1 से 1.5 लाख रुपये तक का खर्च आता है। यदि आप 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाते हैं, तो इस पर आपको 5 से 5.5 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है। वहीं, यदि 10 किलोवाट का सिस्टम लगाते हैं, तो आपको 10 लाख रुपये से अधिक का खर्च आएगा।

ईएमआई पर लगा सकते हैं सोलर

आज कार लोन (Car Loan) और होम लोन (Home Loan) की तरह सोलर लोन (Solar Loan) भी बाजार में काफी आसानी से उपलब्ध है। यदि आपको सोलर सिस्टम लगाने में कोई भी परेशानी हो रही है, तो आप केवल 20 प्रतिशत डाउन पेमेंट कर इसे काफी आसानी से लगा सकते हैं और बाकी के पैसे महीने के इंस्टालमेंट में भर सकते हैं।अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें - https://loan.loomsolar.com/

निष्कर्ष

यदि आप अपने घर को बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोलर सिस्टम लगाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको एक इंजीनियर विजिट की जरूरत होगी। इस सर्विस को हम आपके लिए पूरे देश के किसी भी हिस्से में केवल 1000 रुपये की फीस पर देते हैं। एक बार साइट सर्वे की बुकिंग करने के बाद हमारे इंजीनियर आपके यहाँ जाएंगे और आपको सोलर इंस्टालेशन के हर मोड़ पर मदद करेंगे।

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