कौन-सा Solar Inverter आपके लिए फायदेमंद होगा?

आज भारत में सोलर पैनल (Solar Panel Demand In India) जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है, ठीक उसी प्रकार इन्वर्टर मार्केट भी बूम कर रहा है। आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सोलर इंवर्टर (Solar Inverter) कितने प्रकार के होते हैं और इसे लगाने के फायदे क्या हैं?

क्या होता है सोलर इंवर्टर? (What Is Solar Inverter)

हमें किसी भी सोलर पैनल (Solar Panel) से DC करंट मिलता है और एक सोलर इंवर्टर इसे AC में बदलने का काम करता है, जिससे आप इस बिजली का इस्तेमाल अपने घरेलू कार्यों में कर पाते हैं। इसी वजह से इंवर्टर को किसी भी Solar System का Brain कहा जाता है।

सोलर इंवर्टर कितने प्रकार के होते हैं (Types of Solar Inverter)

सोलर इंवर्टर 3 प्रकार के होते हैं - 

  1. ऑफ-ग्रिड / स्टैंडअलोन इंवर्टर (Off Grid Solar Inverter)
  2. ऑन-ग्रिड/ ग्रिड-कनेक्टेड इंवर्टर (On Grid Solar Inverter)
  3. हाइब्रिड सोलर इंवर्टर (Hybrid Solar Inverter)

ऑफ-ग्रिड सोलर इंवर्टर क्या होता है? (What Is Off Grid Solar Inverter)

इस इंवर्टर में ग्रिड कनेक्शन की कोई जरूरत नहीं होती है। इसके बजाय इसमें बैटरी स्टोरेज की आवश्यकता होती है। यह वैसे ग्राहकों के लिए सबसे अच्छा है, जहाँ बिजली कटौती की समस्या अधिक होती है। 

इसके मुख्य फीचर्स हैं -

No Grid Connection: यह बिना किसी ग्रिड कनेक्शन के आपको सोलर पैनल से DC करंट को AC में कंवर्ट कर के देता है।

Battery Storage: इसमें सोलर पैनल से बनने वाले एक्स्ट्रा बिजली को स्टोर करने के लिए बैटरी की जरूरत होती है।

Energy Management & Self-Sufficiency: चूंकि, इसमें ग्रिड कनेक्शन की कोई जरूरत नहीं होती है, इसलिए पावर कट में भी आपको परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है।

ऑन-ग्रिड/ ग्रिड-कनेक्टेड इंवर्टर क्या होते हैं? (What Is On Grid Solar Inverter)

यह सोलर इंटवर्टर (Solar Inverter) ग्रिड से कनेक्टेड होता है। ग्रिड से जुड़े सोलर इनवर्टर को आगे माइक्रो, स्ट्रिंग और सेंट्रल इनवर्टर में वर्गीकृत किया जाता है। 

इसके मुख्य फीचर्स निम्न हैं -

Grid Connection: इस इंवर्टर को केवल ग्रिड के साथ ही चलाया जा सकता है और बिजली हासिल की जा सकती है।

Net Metering: जब आपका सोलर पैनल उपयोग से अधिक बिजली जेनरेट करता है, तो नेट मीटर के जरिए उसे ग्रिड को सप्लाई किया जा सकता है। जिसके बदले में सरकार आपको पैसा देती है या बिजली बिल में राहत।

No Battery Backup: इस सोलर सिस्टम में बैटरी बैकअप नहीं होता है। इसका मतलब है कि यदि आपके यहाँ लाइट जाती है, तो आपको सोलर पैनल से बिजली नहीं मिल पाएगी, जब तक आपके पास अपना Separate Power Backup Solution न हो।

Efficiency Optimization: ऑन-ग्रिड इनवर्टर को ग्रिड की Frequency और Voltage के साथ एफिशियंसी और सिंक्रनाइज़ेशन के साथ ऑप्टिमाइज किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि जो बिजली जेनरेट हो रही है, उसे ग्रिड नेटवर्ट में इंटीग्रेटेड रूप से सप्लाय किया जा सके।

हाइब्रिड सोलर इंवर्टर क्या होता है? (What Is Hybrid Solar Inverter)

यह बैटरी और ग्रिड कनेक्शन दोनों के साथ काम करता है और इसमें एक इनबिल्ट सोलर चार्ज कंट्रोलर भी होता है।

निष्कर्ष

यदि आप सोलर इंवर्टर खरीदना चाहते हैं, तो इसके लिए आप लूम सोलर का सेलेक्शन करें। लूम सोलर हरियाणा के फरीदाबाद स्थित एक सोलर कंपनी है और इसकी शुरुआत 2018 में हुई थी। आज के समय में लूम सोलर देश की सबसे प्रतिष्ठित सोलर मैन्युफैक्चरर कंपनी है और यह अत्याधुनिक तकनीकों से लैस सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर, लिथियम ऑयन बैटरी जैसे सोलर प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए जानी जाती है। इसके सोलर इंवर्टर (Loom Solar Inverter) की प्रोडक्ट रेंज को आप यहाँ देख सकते हैं।
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