आज हमारे जीवन में बैटरी का एक बड़ा महत्व है। इसका इस्तेमाल एक छोटी सी घड़ी से लेकर जहाज तक में होता है। बता दें कि कोई भी बैटरी रासायनिक ऊर्जा को संग्रहित, उसे विद्युत ऊर्जा में बदल देती है।आइये जानते हैं बैटरी बनाते कैसे हैं, जो लिथियम ऑयन बैटरी को बनाने के तरीकों पर आधारित है (Know how to make a Lithium Battery) लिथियम ऑयन बैटरी बनाने के 10 तरीके निम्न हैं -
Perfect Energy Storage
2 times battery life, consumes 50% less space, needs no maintenance & takes 60% less recharge time
Step 1: Lithium Cells Grading
इस प्रक्रिया के तहत घड़ी में लगने वाले Cells की तरह, कई सेल्स बनाए जाते हैं। इस प्रक्रिया में एक सेल 3.2V और 6Ah का होता है। इस प्रोसेस का इस्तेमाल 40Ah तक की बैटरियों को बनाने के लिए किया जाता है। इसके तहत सबसे पहले Cells को फिल्टर किया जाता है कि कौन सा अच्छा है और कौन सा खराब। क्योंकि यदि इसमें एक भी खराब Cell चला गया, तो पूरी बैटरी किसी काम की नहीं रहेगी। इस तकनीक का इस्तेमाल छोटे पैमाने पर मैनुअली होता है, तो बड़े पैमाने पर ऑटोमेटेड तरीके से।
Step 2: Lithium Cells Charging
एक बार Cells का इंतजाम कर लेने के बाद, उन्हें एक ऑटोमेटेड मशीन द्वारा फुल चार्ज किया जाता है। चार्जिंग मशीन को एक कम्प्यूटर से जोड़ दिया जाता है जिससे लिथीयम सेल की चार्जिंग कंडिशन के बारें में पता चल पाए।
Step 3: Lithium Cells Stacking
मान लीजिए कि यदि हमें 6 एएच की बैटरी बनानी है, तो हम उसको एक कवर के अंदर अच्छे से व्यवस्थित कर, बांध देते हैं। ताकि Cells इधर उधर न हों।
Step 4: Spot Welding
अगले चरण में, एक Nickel Strip के जरिए सभी सेल्स को एक दूसरे से सीरीज करके जोड़ दिया जाता है।
Step 5: Connecting BMS
Cells को सीरीज करने के बाद, उसे बीएमएस यानी Battery Management System से कनेक्ट कर दिया जाता है, जो बैटरी के चार्जिंग, डिस्चार्जिंग, और ओवर चार्जिंग आदि को कंट्रोल करता है।
Step 6: Insulating Materials
बैटरी का Cell और BMS एक दूसरे के संपर्क में न आए, इसलिए दोनों के बीच एक Insulating Material दिया जाता है।
Step 7: Connecting Battery Terminals
बैटरी का जो निगेटिव और पॉजीटिव टर्मिनल है, वहाँ पर बैटरी के अनुसार डीसी वायर का इस्तेमाल किया जाता है।
Step 8: Packing Battery
सामान्य रूप से लोग लिथियम ऑयन बैटरी को नीले रंग के प्लास्टिक में रैप कर इस्तेमाल करते हैं। वहीं, कई लोग इसके लिए प्लास्टिक कंटेनर का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से इसे कहीं भी आसानी से लगाया जा सकता है।
Step 9: Branding & Technical Specs
इसके तहत बैटरी की क्या वारंटी है, बैटरी किस कंपनी की है, इसकी क्षमता क्या है, जैसी सभी जरूरी जानकारियां बैटरी के ऊपर लिखी जाती है।
Step 10: Quality Test & Ready to Use
जब बैटरी बन जाती है उसके बाद बैटरी की Quality Test होती है जिसमें Battery Pack Capacity, Life Cycle, Charging/Discharging Current, Temperature, Back-up & Physical inspection होता है। अब आपका प्रोडक्ट पूरी तरह से बन कर तैयार है और आप इसे बाजार में सप्लाई कर सकते हैं।
निष्कर्ष
हमें उम्मीद है कि बैटरी बनाने पर आधारित यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आप इस विषय में अधिक जानना चाहते हैं, तो निश्चित रूप से हमसे संपर्क करें। हमारे विशेषज्ञ आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।