वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी, 2023 को संसद में वित्तीय वर्ष 2023-24 के आम बजट (Union Budget 2023-24) को पेश कर दिया गया है। इस बजट में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री (Automobile Industry), लिथियम ऑयन बैटरी (Lithium Ion Battery) को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गये।
सोलर इंडस्ट्री में भी थी उम्मीद
बता दें कि बीते कुछ वर्षों में भारत ने सोलर एनर्जी (Solar Energy in India) के मामले में काफी विकास किया है और आगामी कुछ वर्षों में इसमें कई गुना तेजी की उम्मीद है। इस बजट से पहले लोगों को उम्मीद थी कि सरकार द्वारा सोलर इंडस्ट्री (Solar Industry in India) को बढ़ावा देने के लिए कुछ बड़े फैसले लिए जाएंगे। लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ हुआ नहीं है।
विशेष ध्यान देने की जरूरत
आज जब पूरी दुनिया में सोलर एनर्जी की माँग काफी तेजी से बढ़ रही है और भारत सरकार ने भी इस दिशा में प्रगति के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है, तो अपने निर्धारित लक्ष्यों को पाने के लिए सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बता दें कि पहले सोलर पैनल को विदेशों से मंगाने पर कोई Import Duty नहीं लगता था। लेकिन आज सोलर पैनल पर 40 प्रतिशत तक की Import Duty लगती है। वहीं, Solar Inverter पर फिलहाल 5 से 12 प्रतिशत तक की Import Duty लगती है।
साथ ही साथ, इसमें Depreciation का भी जिक्र है। बता दें कि पहले Solar Power पर 100 प्रतिशत का का Depreciation रहता था। लेकिन आज यह घट कर 40 प्रतिशत हो गया है।
सरकार से आग्रह
ऐसी स्थिति में ग्राहकों और सोलर कंपनियों का सरकार से आग्रह है कि वे देश में सोलर इंडस्ट्री को तेजी से बढ़ावा देने के लिए करों में छूट दें।
क्योंकि आज के समय में Solar Products काफी महंगे हो गए हैं और ग्राहकों के लिए इसे खरीदना काफी मुश्किल हो गया है। बता दें कि पहले जिस सोलर सिस्टम पर उन्हें ROI यानी Return on Investment 3 से 4 साल में मिलता था। आज वही बढ़ कर 5 से 6 साल हो गए हैं। यही कारण है कि आज लोग इसे खरीदने से बच रहे हैं।
लेकिन यदि कंपनियों को कर में छूट मिलती है, तो यह स्थिति बदल सकती है और घर घर में लोग सोलर सिस्टम को इंस्टाल करवा सकते हैं और बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
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Discountler
बेहतरीन लेख के लिए धन्यवाद। दरअसल, हाइड्रोकार्बन युग समाप्त हो रहा है