देश में इस समय सोलर ऊर्जा की एक नई लहर चल रही है और देश के किसान बड़ी संख्या में इस लहर में शामिल नहीं हैं। ये एक तथ्य है कि किसान भी देश में बिजली के एक बड़े उपभोक्ता हैं। सिंचाई से लेकर खेती-बाड़ी के कई तरह के कामों में वे काफी अधिक बिजली का उपयोग करते हैं। कुछ राज्यों में किसानों को बिजली पर सब्सिडी तो दी जा रही है, लेकिन उनको बिजली भी कुछ ही घंटों के लिए मिल पाती है।
वैसे भी देश के ग्रामीण फीडरों में बिजली कम दिए जाने की शिकायतें भी आम हैं। कई जगह वोल्टेज के मुद्दे रहते हैं तो कई जगह पर बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर है, जिससे बार-बार लाइन ड्रिप होने की समस्या है। इन सब के साथ ही बहुत सारे किसान, जो कि काफी कम जमीन पर खेती करते हैं, उनके लिए बिजली का बिल भरना मुमकिन नहीं है,ऐसे में वे बड़ी मुश्किल से खेती कर पाते हैं। इन सभी समस्याओं का एक आसान समाधान सौर ऊर्जा है, जो कि इस समय किसानों के लिए आसानी से उपलब्ध है।
क्या है यह योजना?
केन्द्र सरकार की सोलर पंप योजना प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना, एक ऐसा समाधान है जो कि किसानों की बिजली संबंधित सभी जरूरतों को एक साथ पूरा कर सकती है। इसमें किसानों को सिर्फ 10 फीसदी अंशदान देकर अपने लिए अपनी जरूरत के अनुसार सौर ऊर्जा प्रणाली लगाने का प्रबंध किया जा सकता है।
क्या है सोलर पंप योजना का उदेश्य?
भारत सरकार 3 उदेश्य के साथ सोलर पंप योजना पर काम कर रही है-
#1. प्रदूषण पर नियंत्रण: वर्ष 2018 में ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट की रिसर्च के अनुसार भारत दुनिया में सबसे अधिक CO2 उत्पादित करने बाला तीसरा देश है. पहला चीन, दूसरा अमेरिका और तीसरा भारत है.
भारत और फ्रांस ने मिलकर एक संगठन बनाया है जिसका नाम है इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) जिसमे रिन्यूएबल यानि अक्षय ऊर्जा पर ज्यादा फोकस किया गया है. भारत ने साल 2022 तक 175 गीगावॉट सौर ऊर्जा का लक्ष्य तय किया है, जिसमे 100 गीगावॉट सोलर पावर होगी।
#2. डीजल की खपत में कमी: हमारे देश में जहां तक बिजली नहीं है वहां पर ज्यादातर सिचाई के लिए डीजल इंजन प्रोयोग में लाया जाता है और जहां बिजली है वहां कोयले से बनी बिजली का अधिक उपयोग किया जा रहा है। जिसके कारण प्रदूषण बढ़ रहा है.
#3. किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य: सोलर पॉवर साल में पूरे 300 दिन प्राप्त की जा सकती है, पर सिचाई तो एक तय समय पर होती है. इसके लिए किसानो कों बिजली बेचकर पैसा कमाने का भी सुबिधा मिलती है. इसकी पूरी जानकारी नीचे दी गई है।
कितने केटेगरी में है ये योजना?
कुसुम योजना कों 3 केटेगरी में लाया गया है जिससे किसान न केबल खेती के साथ बिजली बना सकते है और साथ ही साथ आसपास और दूर दराज के क्षेत्रों में बिजली से वंचित खेतों तक बिजली भी पहुंचा सकेंगे।
पहला हिस्सा
- 33 केवी सब स्टेशन के 5 किमी के दायरे की जमीनों पर विकसित होंगे सोलर प्लांट.
- सोसायटी के जरिए विकसित होंगे 500 के 2000 केवी तक के प्लांट.
- इस प्लांट को लगाने के लिए किसान डेवलपर की भी ले सकेंगे मदद.
- नीचे खेती–ऊपर बिजली उत्पादन के लिए विकसित होगा प्लांट.
- डिस्कॉम किसानों को इस केटेगरी में बकायदा जमीन का रेंट देगी जिसका निर्धारण डीएलसी की दर पर किया जाएगा.
- इसके साथ ही इन प्लांट से उत्त्पन बिजली किसान डिस्कॉम को बेचेगा.
- जिसके बदले में किसान कों विनियामक आयोग की तरफ से किया जाएगा भुगतान.
- किसान–डिस्कॉम के बिच कुल 25 साल के लिए एग्रीमेंट होगा जिसमे एक फ़ीस दर पर बिजली मिलेगी.
दूसरा हिस्सा
- कैटेगिरी में बिजली से वंचित इलाको पर फोकस होगा.
- उन खेतों तक सोलर पंप से बिजली पहुचाई जाएगी, जहां अभी बिजली का इंतजार है.
- 7.5 हॉर्स पॉवर के सोलर पंप खेतों में लगाए जाएंगा. जिसमे 30–30 फीसदी अनुदान केंद्र–राज्य सरकार देगी.
- 30% पैसा किसान को लोन से मिलेगा जबकि 10% राशि का किसान को खुद इंतजाम कराना होगा.
- योजना में फोकस इस बात पर रहता है जहां डीजल पंप का उपयोग किया जा रहा है वहां सोलर पंप का उपयोग शुरू किया जाए। इससे देश में डीजल की खपत कम होगी और प्रदूषण भी कम होगा।
तीसरा हिस्सा
- एग्रीकल्चर फीडर को ग्रीन फीडर में तब्दील करने पर ध्यान केन्द्रित रहेगा. 7.5 एचपी के सोलर पंप खेतों में लगाए जाएंगे जिसके लिए मौजूदा कनेक्शनों के आधार पर फीडर्स का सर्वे होगा. जिन फीडरों पर सर्वाधिक 7.5 एचपी के कनेक्शन होंगे उन्हें ही ग्रीन फीडर के लिए चयनित किया जाएगा.
सोलर पंप लगाने में कितना खर्चा लगता है ?
यदि आप सोलर वाटर पंप लगाना चाहते हैं , और आपके पास पहले से वाटर pump लगा हुआ है तो इसमें लगभग ५५००० हज़ार प्रति १ हप का खर्चा आता है ,और इस कीमत में आपको जो कॉम्पोनेन्ट मिलते है वह हैं सोलर पेनल्स , सोलर पैनल स्टैंड , दस वायर और वफ्द। निचे दी गयी प्राइस लिस्ट के अनुसार आप अपना सोलर पंप का खर्चा समझ सकते हैं
Solar Pump Model | Price |
1 HP Solar Pump | 55,000 |
3 HP Solar Pump | 1,10,000 |
5 HP Solar Pump | 165,000 |
7.5 HP Solar Pump | 4,12,500 |
10 HP Solar Pump | 5,50,000 |
सोलर पंप योजना की पालिसी समझने के लिए ये विडियो देखें:
सब्सिडी पाने के लिए पूरी करनी होंगी ये शर्ते
1.इस योजना के तहत आवेदन केवल करने वाले के पास खेती के लिए अपनी जमीन होनी चाहिए। साथ ही उसके पास सिंचाई का स्थाई स्रोत होना जरूरी है।
2.सोलर पम्प स्थापित करने के लिए मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड से सहमती लेनी होगी।
3.राशि मिलने के लगभग 120 दिन के अंदर सोलर पम्प लगाने का काम पूरा किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में समयावधि बढाई जा सकती है।
सब्सिडी पाने के लिए के लिये आवेदन कहाँ करे ?
सोलर पम्प पर सब्सिडी लेने के लिए आप बिजली वितरण कंपनी के निकटम कार्यालय से संपर्क करें. पूरी इंडिया की डिस्कॉम की लिस्ट यहां से ही ले. इस योजना की डायरेक्ट ऑनलाइन कोई भी वेबसाइट नहीं है जहां पर आप आवेदन कर सकते है.
बिना सब्सिडी के सोलर वाटर पंप कैसे लगाये?
हम सभी को पता है कि सरकार की योजना लागू होने में काफी समय लगता है. सब्सिडी के साथ सोलर पंप लगाने के लिए आम लोगों का सरकारी दफ्तर के संपर्क में रहना जरुरी है अन्यथा कब सरकार योजना निकलेगी और कब खत्म हो जायेगा ये किसी को पता भी नहीं चलेगा. यदि आप सब्सिडी का इंतजार नहीं करना चाहते है तो आप अपने नजदीकी सोलर पंप रिटेल शॉप पर पता कर सकते है.
सोलर वाटर पंप में कितने कॉम्पोनेन्ट होते है?
सोलर वाटर पंप भी घरो में लगने वाले सोलर सिस्टम जैसा ही होता है लेकिन ये डायरेक्ट सूर्य की रोशनी से चलता है. इस सिस्टम में बैटरी नहीं होती है.
#1. सोलर पैनल
सोलर पैनल को सोलर प्लेट के नाम से भी जाना जाता है जिसका काम है सूर्य की रोशनी को बिजली में बदलना.
सोलर पैनल भी कई प्रकार के मार्केट में उपलब्ध है-
- पोली सोलर पैनल: पॉली सोलर पैनल (Polycrystalline Solar Panel) जिसका प्रयोग लार्ज सोलर प्रोजेक्ट में किया जाता है और ये घरों में भी देखनो को मिल जायेगा.
- मोनो सोलर पैनल: मोनो सोलर पैनल (Monocrystalline Solar Panel) नवीनतम टेक्नोलॉजी का सोलर पैनल है जो सुबह 6:30 से लेकर शाम 6:30 तक बिजली बनाता है. ये सोलर पैनल घरों में ज्यादातर देखनो को मिलेगा क्योकि यहां बैटरी चार्ज और बिजली बचत के लिए सोलर लगाया जाता है.
- बाई फिसिअल सोलर पैनल: बाई फिसिअल सोलर पैनल (Bifacial Solar Panel): मोनो सोलर सेल से बना सोलर पैनल की एक और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी जो इंस्टालेशन की जगह को अधिकतम उपयोग के उद्देश्य से बनाया गया है. ये सोलर पैनल दोनो तरफ से सोलर पावर बनाती है और इसी के साथ सूर्य की रोशनी भी नीचे के ओर आती है.
#2. वाटर पंप
सोलर पंप सिस्टम में दूसरा कॉम्पोनेन्ट वाटर पंप होता है. वाटर पंप दो प्रकार के होते है - सरफेस वाटर पंप और अंडर ग्राउंड वाटर पंप. सोलर पंप योजना में अंडर ग्राउंड वाटर पंप ही लगाया जाता है.
#3. चार्ज कंट्रोलर
सोलर पंप सिस्टम में तीसरा कॉम्पोनेन्ट चार्ज कंट्रोलर होता है जिसका काम है सोलर पैनल से बनने बाली बिजली को ऐसी करंट में कन्वर्ट करे.
#4. पैनल स्टैंड
सोलर पैनल स्टैंड सोलर सिस्टम का बहुत जरुरी कंपोनेंट है जिस पर सोलर पैनल को फिक्स किया जाता है. ये सोलर पैनल स्टैंड भी कई तरीके के होते है-फिक्स सोलर पैनल स्टैंड और मूवेबल सोलर पैनल स्टैंड.
सोलर वाटर पंप को समझने के लिए ये वीडियो जरुर देखें
निष्कर्ष
सोलर पंप योजना किसानो के सफल खुशहाल बनाने के लिए एक कदम है जिसका फायदा हर किसान कों मिलेगा. लेकिन इसके पहले सभी किसान कों जानकारी होना बहुत ही जरुरी है. बहुत सारे ऑनलाइन फ्रॉड हो रहे है इससे जरुर बचे.