आज देश में अपनी ऊर्जा को जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन परेशानी कभी कभी परेशानी का सबब यह होता है कि आप पहले कोई छोटा सोलर पैनल लेते हैं, लेकिन कुछ वर्षों के बाद आपकी जरूरतें बढ़ जाती हैं। ऐसे में आपको अंदाजा नहीं होता है कि अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अगला कदम क्या होना चाहिए। ऐसे में यह लेख आपकी मदद के लिए है।आज 500 वाट का भी सोलर सिस्टम आसानी से अपग्रेड हो सकता है और 5 से 10 किलोवाट तक का भी। आज हम आपको 5 किलोवाट के सोलर सिस्टम के बारे में बताने जा रहे हैं।
क्यों पड़ती है इसकी जरूरत?
आज जितने भी सोलर सिस्टम लगाए जाते हैं, वे चाहें किसी भी कंपनी के हों, जो 500 वाट का लगाते हैं वे 1 किलोवाट की ओर रुख करते हैं और जो 5 किलोवाट का लगाते हैं वे 7.5 किलोवाट या 10 किलोवाट की ओर रुख करते हैं। और इस तरह से लोगों का अपग्रेडेशन चलते रहता है। बता दें कि अपग्रेडेशन, नया सिस्टम लगाने से थोड़ा मुश्किल होता है। क्योंकि इसके तहत पुराने सिस्टम में ही एड ऑन किया जाता है। इसलिए इसके लिए टेक्नीकल नॉलेज होना जरूरी है।
उदाहरण के तौर पर, एक डेंटल केयर चलाने वाले ने 5 किलोवाट के सोलर सिस्टम को लगा कर, अपने क्लिनिक को पूरी तरह से सोलर पर चलाना शुरू कर दिया। लेकिन जैसे ही उन्होंने अपने बिजनेस को एक्सपेंड किया और एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर पर गए, उन्हें जितनी बिजली की जरूरत थी, उन्हें मिल नहीं पा रहा था। ऐसे में उनके लिए अपग्रेडेशन जरूरी हो गया।
क्या है प्रक्रिया?
Step 1: एक इंजीनियर के रूप में, आपको कस्टमर के पुराने सिस्टम के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए।
Step 2: इन्वर्टर, बैटरी और सोलर पैनल के मुकाबले, सोलर सिस्टम का सबसे जरूरी पार्ट है। क्योंकि बैटरी और सोलर पैनल तो घट और बढ़ सकते हैं, लेकिन इन्वर्टर को घटाया और बढ़ाया नहीं जा सकता है। क्योंकि सारा कंट्रोल इन्वर्टर के पास ही रहता है।
एक बार यह तय करने बाद कि इन्वर्टर का इनपुट वोल्टेज रेंज कितना होगा, आप सोलर पैनल का चयन कर सकते हैं। आज बाजार में यह अफवाह फैलाई जाती है कि आपके पास जिस साइज का सोलर पैनल है, अपग्रेडेशन के लिए आपको उसी साइज का सोलर पैनल लेना जरूरी है, नहीं तो Power Loss की समस्या काफी ज्यादा आएगी। जबकि यह बात पूरी तरह से गलत है।आज आप 50 - 50 वाट के सोलर पैनल को भी जोड़ कर 10 किलोवाट के सोलर पैनल को बना सकते हैं।
Step 3: यदि यह सपोर्ट करता है, तो आप ज्यादा सोलर पैनल एड कर सकते हैं।
Step 4: अधिक से अधिक बैलेंसिंग सिस्टम को जोड़ें, जैसे -
- Panel Stand: High Rise Structure, Tin Shade
- DC Wire: 10 Sq. mm. dc wire
- MC4 Connector: 1-in-1-out MC4 Connectors
- DCDB: 5-in-1-out DCDB
क्या है Solar Wiring Instruction
वायरिंग हमेशा इन्वर्टर की विशेषताओं के अनुसार होगा। इसमें 3 स्ट्रिंग होते हैं और इसके साथ दो और स्ट्रिंग जोड़े जाते हैं। जैसे -
{String 1 + String 2 + String 3 + String 4 + String 5} + {5-in-1-out DCDB} connects to 12.5kVA Solar Inverter
इसके फाइनल आउटपुट रेंज निम्न होंगे -
Voltage: 200V – 215V
Ampere: 50A – 55A
सिस्टम अपग्रेड: 10kW ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम पर आने वाला खर्च
यदि किसी ग्राहक के पास 12.5kVA का सोलर इन्वर्टर और 150Ah*10 बैटरी के साथ 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम पहले से ही हो, तो उन्हें अपने सोलर सिस्टम को अपडेट करने के लिए निम्न कम्पोनेंट्स की जरूरत पड़ेगी। बता दें कि 10 किलोवाट के सोलर सिस्टम की ओर रुख करने पर, आपको पहले के मुकाबले Rs. 3,00,000 का अतिरिक्त खर्च आएगा।
Components |
Specification |
Rs. |
1. Solar Panels |
Shark 440W – 540W Solar Panels * 10 |
Rs. 2,10,000 – 2,50,000 |
2. Panel Stand |
2 row, 5 Panel Stand |
Rs. 45,000 – 50,000 |
3. DCDB |
5-in-1-out |
Rs. 7,000 |
4. DC Wire |
10 sq. mtr. |
Rs. 4,800 |
5. MC4 Connectors |
1-in-1-out, 6 |
Rs. 1,000 |
सिस्टम अपग्रेड: भारत में 10kW सोलर सिस्टम के इंस्टालेशन पर आने वाला खर्च
यदि आप 5 किलोवाट के सोलर सिस्टम से 10 किलोवाट के सोलर सिस्टम की ओर अपग्रेड कर रहे हैं, तो भारत में 10 किलोवाट के सोलर सिस्टम के इंस्टालेशन पर औसत खर्च Rs. 35,000 से 40,000 रुपये है। यह पैनल की क्षमता, घर की वायरिंग आदि के आधार पर अलग भी हो सकता है।
लोड डिस्ट्रीब्यूशन
सभी सोलर सिस्टम लगाने के बाद आप इस पर पर 80% तक लोड जोड़ सकते हैं। यदि किसी कारणवश लोड 80 फीसदी से अधिक हो जाएगा, तो इन्वर्टर आपको वार्निंग देगा। ऐसे में ओवरलोडिंग से बचने के लिए कुछ लोड कम कर देना चाहिए।
कितने जगह की पड़ती है जरूरत?
एक सोलर पैनल करीब 3.4 फीट चौड़ा और 6.9 फीट लंबा होता है। इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि आप अपने छत पर कितने जगह की जरूरत पड़ेगी।
निष्कर्ष
आप चाहें किसी भी कंपनी के सोलर सिस्टम को लगाएं हों, आप अपनी जरूरत के हिसाब से खुद को हाई एफिशियंट और आधुनिक सोलर पैनलों की ओर अपग्रेड कर सकते हैं। यदि आप इसके लिए एक इंजीनियर विजिट चाहते हैं, तो अभी हमसे संपर्क करें। हमारे विशेषज्ञ आपकी मदद के लिए चौबीसों घंटे तैयार रहते हैं।