आज कोयले की कमी के कारण देश के हर राज्य में भारी बिजली कटौती हो रही है। बिजली कटौती की समस्या के कारण, अपना बिजनेस चला रहे लोगों को भारी नुकसान तो होता ही है, लेकिन इससे आम लोगों को भी लाइट, पंखा, पानी जैसी कई मूल सुविधाओं में काफी दिक्कत आती है।
इन्हीं परेशानियों को देखते हुए, लोगों ने सोलर सिस्टम को अपनाना शुरू कर दिया है। इससे उन्हें न सिर्फ निर्बाध बिजली मिलती है, बल्कि हर महीने आने वाले भारी बिजली बिल से भी राहत मिलती है।
बता दें कि भारत में बीते कुछ वर्षों में सोलर एनर्जी के फिल्ड में काफी तेजी आई है और सरकार का लक्ष्य 2030 तक 2080 गीगावाट के लक्ष्य को हासिल करना है। इस योजना के लिए 19,500 करोड़ रूपए का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा।
वहीं, 2035 तक इसे इस्तेमाल में 7 गुना बढ़ोत्तरी का लक्ष्य है। इस लिहाज से समझा जा सकता है कि आने वाले कुछ वर्षों में सोलर एनर्जी सेक्टर में कितना बड़ा बूम आने वाला है।
आईये कुछ केस स्टडीज से समझते हैं इसके फायदे -
केस स्टडी 1 - XYZ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं। वह आटा चक्की चलाने का बिजनेस करते हैं। लेकिन उनके यहाँ भारी बिजली कटौती की समस्या थी और हर महीने बिजली का बिल भी काफी आता था।
उन्होंने बिजली कटौती की समस्या से निपटने डीजल इंजन को अपना लिया। लेकिन आज के दौर में डीजल इतना महंगा हो गया है कि इस पर अपना बिजनेस चलाना उनके लिए फायदेमंद नहीं साबित हो रहा था।
क्योंकि, उन्हें हर दिन 1400 से 1500 रुपये का डीजल खरीदना पड़ रहा था और इस तरह सिर्प डीजल के प्रति उनके महीने का खर्च 45 से 50 हजार रुपये का था। फिर, इस खर्च से बचने के लिए उन्होंने सोलर सिस्टम को अपनाया।
आज के समय में उनके पास 16 किलोवाट का Bi Facial Solar System लगा हुआ और इस पर वह सीधे सोलर पैनल से सुबह से लेकर शाम तक भरपूर आटा चक्की चलाते हैं और रात में अपने चक्की को चलाने के लिए उन्होंने अभी भी डीजल इंजन को रखा है।
इस तरह उनके रोजाने का खर्च 1000 से 1100 रुपया कम हो गया।
केस स्टडी 2 - एक अन्य शख्स XYZ भी लखनऊ के ही रहने वाले हैं। उनके यहाँ बिजली बिल काफी आती थी और वह बिजली कटौती की समस्या से भी काफी परेशान थे।
फिर, इससे राहत पाने के लिए उन्होंने अपने घर में 5 किलोवाट के एक ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम को लगाया। आज उनका बिजली बिल 2500 रुपये से सीधा, 700 रुपये हो गया है।
केस स्टडी 3 - चेन्नई एक ऐसा शहर है जहाँ बिजली कटौती की ज्यादा समस्या नहीं होती है। लेकिन यहाँ बिजली की दर काफी महंगी है। इसी शहर के रहने वाले XYZ को हर महीने करीब 3000 से 4000 का बिजली बिल आता था।
लेकिन इससे बचने के लिए उन्होंने 2.5 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाया और आज उनका बिजली बिल लगभग न के बराबर है।
केस स्टडी 4 - XYZ पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। उनके यहाँ पावर कट की काफी दिक्कत है। चूंकि, वह एक पशु चिकित्सक हैं, तो उनके घर में कई जानवर और पक्षियां हैं और बिजली कटौती की समस्या के कारण उनके देखभाल में भी काफी दिक्कत होती थी।
हालांकि, उनके पास पहले से ही इन्वर्टर बैटरी थी। लेकिन इससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा चार घंटों की ही मदद मिल सकती थी। फिर, बिजली के एक स्थायी समाधान के लिए उन्होंने बीते साल 5 किलोवाट का एक सोलर सिस्टम लगाया और आज बिजली को लेकर उनकी सभी परेशानी दूर हो गई है और वे अपनी सभी मशीनें इस पर चला सकते हैं।
केस स्टडी 5 - XYZ मुंबई के रहने वाले हैं। मुंबई, भारत का सबसे अग्रणी शहर है और यहाँ पावर कट की दिक्कत नहीं होती है। लेकिन यहाँ बिजली काफी महंगी है।
चूंकि, घरों का मीटर 3 किलोवाट का होता है और इस पर 2.5 किलोवाट के सोलर सिस्टम को आसानी से लगाया जा सकता है। उन्होंने भी अपने घर में 2.5 किलोवाट के ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम को लगाया और आज उन्हें बिजली बिल से काफी राहत मिली है।
बता दें कि बीते साल अक्टूबर में सोलर सिस्टम से जुड़े पार्ट्स पर जीएसटी को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया था। फिर, अप्रैल 2022 में इसके कस्टम ड्यूटी को 40 फीसदी तक बढ़ा दिया गया। जिस वजह से सोलर सिस्टम के दाम में काफी तेजी आई है। यदि आपको अपने घर में छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर सिस्टम की जरूरत है, तो आपको करीब 60 से 70 हजार का खर्च आएगा। वहीं, यदि आपकी जरूरतें अधिक हैं, तो 5 किलोवाट के सोलर सिस्टम को लगाने में करीब 5 से 7 लाख रुपये का खर्च आएगा।
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Raksha kushwaha