देश के हर राज्य की अपनी सुन्दरता और ऐतिहासिक गुणों के कारण प्रचलित है. वैसे ही कश्मीर जिसको धरती के स्वर्ग से भी जानते है. यहाँ के लोगो केजीवन भारत के अन्य राज्यों से थोड़ा अलग है. यहाँ पर आज भी कुछ इलाक़ों में इन्टरनेट कभी कभी लम्बे समय तक बंद रहता है. आप सोच सकते हैं किबिना इन्टरनेट के लोगो का जीवन काफी मुश्किल होता है. इसी के साथ यहाँ और भी कुछ समस्यायें है जिनको हमलोग नीचे जानेंगें:
क्या है यहाँ की अन्य समस्यायें?
यहाँ के नागरिकों की बातों से ये पता चला है कि यह 3 कारण काफी आम है. जैसे कि:
➔ बिजली की समस्या: गर्मी के मौसम में लो वोल्टेज और सर्दी के मौसम में बिजली की कटौती
➔ इन्टरनेट कभी भी बंद होने से होती है काफी परेशानी
➔ छोटे सोलर पैनलों से नहीं चल पा रहे घरों के जरुरी उपकरण
क्या है इसका समाधान ?
जिनके घरों में पहले से इन्वर्टर बैटरी सिस्टम लगा हुआ है उनको अपने घर पर सोलर पैनल, चार्ज कंट्रोलर, पैनल स्टैंड, सोलर वायर, कनेक्टर लगाने कीजरुरत होगी। वैसे घर, स्कूल, हॉस्पिटल, दुकान, होटल, पेट्रोल पंप जहाँ 24*7 बिजली की जरुरत हैं वहां ज्यादा क्षमता वाला सोलर पैनल सिस्टम लगानेकी ज़रूरत पड़ेगी. 1 किलोवाट सोलर पैनल सिस्टम से घर के लाइट, टीवी, फ्रीज चलते रहेंगे और 3 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल सिस्टम लगाने पर1 टन इन्वर्टर ए.सी., घरेलु पानी की मोटर के साथ घर के अन्य उपकरण भी चला सकते हैं ।
सोलर का क्या है स्कोप?
जम्मू कश्मीर में बिजली का बिल काफी कम (Rs. 150 प्रति माह) होने के कारण सौर्य उर्जा के प्रति ज्यादा प्रचलन नहीं है, लेकिन काश्मीर के क्षेत्र मेंलगभग हर घर में छोटे सोलर पैनल लगे हैं जिससे मोबाइल चार्जिंग और लाइट जलाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है. लेकिन यहाँ की सरकार अबबिजली मीटर को बदल कर प्री-पेड मीटर करने जा रही है. यह मीटर लगने के बाद कोई भी उपभोक्ता उतना ही बिजली प्रयोग कर पायेगें जितना उनकारिचार्ज रहेगा.
फायदेमंद सोलर पैनल कौन – सा है?
सौर उर्जा कई साल पुरानी तकनीक है जिससे सूर्य की रोशनी से बिजली बनाते है, बने हुए बिजली को बैटरी में जमा करते है और इन्वर्टर / चार्ज कंट्रोलरकी मदद से जरुरी के उपकरण चलाते है. जम्मू और काश्मीर के ऐसे पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में नये तकनीक का सोलर पैनल “शार्क सोलर पैनल” जोसुबह 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक काम करता है, यानी दिन में रोशनी होते ही यह बिजली बनानी शुरू कर देता है । लूम सोलर नामक इस सोलर कम्पनी ने ऐसे पैनल बनाए हैं जिनकी क्षमता 440W / 530W की है जिससे 150A – 200A की बैटरी को पुरे दिन में चार्ज कर देता है.
खर्च कितना आयेगा?
सोलर पैनल सिस्टम लगाने का खर्च एक फ़्रिज के खर्च के बराबर है. जिनके पास 150Ah की इन्वर्टर बैटरी पहले से है उनके मात्र 25,000 रुपए लगाने कीजरुअत होगी. यदि कोई अपने घर पर 500W का नया सोलर सिस्टम खरीदते है तो उनका खर्च लगभग 50,000 रुपए की होती है. इससे बड़े क्षमता के सोलरसिस्टम के कीमत यहाँ से जाने:https://www.loomsolar.com/collections/off-grid-solar-system
क्या बर्फ से सोलर पैनल नुक़सान होता है?
जम्मू काश्मीर के कई क्षेत्रों में अक्टूबर से फ़रवरी के महीनों में काफी बर्फ पड़ती है जिसके कारण घरों के ऊपर बर्फ की चादर बन जाती है. इस समयलोगो का डर रहता है कि सोलर पैनल टूट ना जाये. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है क्योकि सोलर पैनल में काफी मजबूत कांच लगा होता है. यह वही ग्लासहोता है जो गाड़ियों के शीशें में प्रयोग किया जाता है.
यहाँ सोलर पैनल कितने दिन काम करेगा?
हमारे देश में सोलर पैनल लगभग 300 दिन काम करता है पर जम्मू काश्मीर में सोलर पैनल 200- 250 दिन पूरी तरह काम करता है. यहाँ पर मौसम मेंबदलाव जैसे की कभी बादल, बरसात, बर्फ़, तो कभी धुप निकल जाता है
निष्कर्ष
ऊपर दी गई जानकरी के बाद सोलर पैनल काफी फायदें का सौदा है लेकिन आपको ये नहीं पता होगा की आपको कहाँ से खरीदना है. इंडिया की न. 1 सोलर पैनल कंपनी - लूम सोलर जो देश के हर गाँव और शहर में लोगो के घरों तक सोलर पैनल पहुचाती है और इसी के साथ इनस्टॉल भी कर के देती है. अभी तक यह कंपनी 50,000 घरों को सोलर पैनल से जगमगा रही है.