अपने Clinic में लगाएं सोलर सिस्टम, हर महीने होगी इतने हजार की बचत

भारत में कमोबेश हर डॉक्टर का अपना क्लिनिक होता ही है। वे बड़े-बड़े शहरों से लेकर दूरदराज के गाँवों में भी अपने क्लिनिक खोलते हैं और लोगों का इलाज करते हैं। यदि कोई डॉक्टर इलाज अच्छा करता है, तो इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि वह अपना अस्पताल किस तरह के जगह पर खोल रहे हैं, लोग उनके पास इलाज के लिए पहुँच ही जाते हैं। ऐसे डॉक्टरों के पास रोजाना कम से कम 50 से 100 मरीज आना कोई बड़ी बात नहीं होती है।

वहीं, हर डॉक्टर को अपना क्लिनिक चलाने के लिए विश्वसनीय पावर बैकअप सॉल्यूशन की जरूरत पड़ती है, क्योंकि सरकारी बिजली की कटौती की स्थिति में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कुछ डॉक्टर पावर बैकअप सॉल्यूशन के तौर पर, जनरेटर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन यह उनके लिए काफी महंगा साबित होता है और इस पर रोजाना 1000 -1500 रुपये खर्च होना आम बात है। इस तरह, महीने का कुल खर्च 40 हजार से 50 हजार के बीच होता है। वहीं, जनरेटर से होने वाले आवाज के कारण मरीजों को काफी परेशानी भी होती है और यह पर्यावरण के हित में भी नहीं है।

सोलर सिस्टम है सबसे बेहतर उपाय

इन्हीं चिन्ताओं को देखते हुए, डॉक्टरों के लिए सोलर सिस्टम को अपना सबसे बेहतर विकल्प है। क्योंकि इससे उन्हें सालोंसाल तक निर्बाध और मुफ्त बिजली मिलने के साथ ही, रखरखाव में भी काफी आसानी होगी। 

किसी भी अस्पताल में इतनी जगह तो होती है कि वहाँ 5 किलोवाट से लेकर 10 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम को आसानी से लगाया जा सके। 

क्या होती है चुनौती? 

1. चूंकि, डॉक्टरों की जिंदगी काफी व्यस्त होती है। इसलिए उनके पास समय की कमी होती है और वे इस बारे में ज्यादा गहराई से सोच नहीं पाते हैं कि बिजली के विकल्प के रूप में कौन सा तरीका उनके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है और बाजार में उन्हें जो आसानी से मिल जाता है, वे उसे अपना लेते हैं।

लेकिन, यदि वे सोलर सिस्टम को लेकर एक बार इत्मीनान से सोंचे तो उन्हें इससे काफी बड़ी राहत मिल सकती है और इससे समाज में अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को लेकर एक सकारात्मक संदेश भी जाएगा। क्योंकि किसी भी डॉक्टर को समाज में एक अलग प्रतिष्ठा से देखा जाता है। 

2. अस्पतालों में सोलर सिस्टम को लगाने की कड़ी में दूसरी सबसे बड़ी दिक्कत यह होती है कि लगाने वाले को यह पता ही नहीं लग पाता है कि क्लिनिक का लोड कितना है और उन्हें कितनी क्षमता की सोलर सिस्टम लगाने की जरूरत है। 

यदि किसी इच्छुक डॉक्टर को ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो वह तुरंत लूम सोलर से संपर्क कर सकते हैं और हमारे एक्सपर्ट इंजीनियर उनकी हर दुविधा का तुरंत हल कर देंगे।

कितनी बिजली की होती है जरूरत?

किसी भी अस्पताल में लाइट, पंखा, कम्प्यूटर जैसी रोजमर्रा की चीजों के अलावा, अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स के लिए हमेशा बिजली की जरूरत पड़ती है। ऐसे में यदि वे 5 किलोवाट के ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम को लगाते हैं, तो उनकी लगभग सभी जरूरतें पूरी हो जाएगी। 

लेकिन, यदि वे अपने क्लिनिक में एसी भी चलाना चाहते हैं, तो उन्हें कम से कम 10 किलोवाट के सोलर सिस्टम को लगाना पड़ेगा। इस तरह, वे बिजली के मामले में बिल्कुल आत्मनिर्भर हो जाएंगे।

हालांकि, यदि कोई सोलर सिस्टम को लगाने से पहले को लोड को समझना चाहते हैं, तो इसका सबसे आसान तरीका यह है कि वे अपनी सभी एप्लायंसेज को ऑन कर दें, फिर मीटर की मदद से फाइनल आउटपुट को चेक करें कि इस पर अधिकतम कितने किलोवाट का लोड चल सकता है। 

कितना आएगा खर्च? 

यदि आप अपने क्लिनिक में 5 किलोवाट के सोलर सिस्टम को लगाना चाहते हैं, तो इस पर आपको करीब 6 लाख रुपये का खर्च आएगा। वहीं, यदि आप अपने यहाँ 10 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाना चाहते हैं, तो खर्च करीब 12 लाख रुपये का आएगा।

किस तरह की लें बैटरी?

अपनी बैटरी की जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी एसिड बैटरी के बजाय लूम सोलर के CAML 100 बैटरी को प्राथमिकता दें। यह एक लिथियम ऑयन बैटरी है। इस बैटरी की क्षमता को इस तरह से समझा जा सकता है कि यह चार बैटरी के बराबर अकेले है और इसे रखने के लिए ज्यादा जगह भी जरूरत नहीं पड़ती है।

इस बैटरी को IOT से लैस किया गया है और इसे आप अपने मोबाइल या कम्प्यूटर से कहीं से भी कंट्रोल कर सकते हैं। इस बैटरी को चार्ज होने में सिर्फ डेढ़ घंटे लगते हैं। 

कैसा लें इन्वर्टर? 

अपनी इन्वर्टर की तलाश को पूरी करने के लिए आप लूम सोलर के ही Fusion Inverter को खरीदें। क्योंकि, आज देश में जितने भी इन्वर्टर मिल रहे हैं, सभी पुरानी टेक्नोलॉजी वाले हैं और इसे कुल क्षमता का 80 फीसदी ही इस्तेमाल किया जा सकता है।

लेकिन फ्यूजन इन्वर्टर 100 फीसदी एफिशिएंट है और यह बैटरी को डेढ़ घंटे में ही चार्ज कर देता है। इसके अलावा, इस इन्वर्टर में ऑटोमेटिक प्रोफाइल सेटिंग का भी ऑप्शन है।

कैसा लें सोलर पैनल 

यदि आपके पास सीमेंट की छत है, तो आप लूम सोलर के Bi Facial सोलर पैनल की ओर रुख कर सकते हैं। यह मॉडल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है और इसमें पैनल के दोनों साइड से बिजली बनती है। हालांकि, इसे काफी ऊंचाई पर लगाने की जरूरत पड़ती है।

वहीं, यदि आपके पास सीमेंट की छत नहीं है, तो आप Shark Solar Panel को चुन सकते हैं, जो कम धूप में भी पूरी बिजली बनाने के लिए जानी जाती है। 

निष्कर्ष

यदि आप अपने क्लिनिक में सोलर सिस्टम लगाना चाहते हैं, तो लूम सोलर से संपर्क करें। हमारे इंजीनियर आपके यहाँ जाएंगे और आपकी जरूरतों को समझते हुए, सोलर अपनाने में आपकी पूरी मदद करेंगे।

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Sanjaykumar

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