आज के समय में पूरे देश में रूफटॉप सोलर सिस्टम (Rooftop Solar System) की माँग काफी तेजी से बढ़ रही है। खास कर, जब से प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम सुर्योदय योजना (PM Suryoday Scheme) का ऐलान किया है। बता दें कि इस स्कीम के अंतर्गत पूरे देश में 1 करोड़ रूफटॉप सोलर सिस्टम (Rooftop Solar System) को इंस्टाल करने की योजना है। हालाँकि, इस स्कीम की सफलता के लिए कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, जिसका उल्लेख हम आज के इस लेख में करने जा रहे हैं।
गुजरात मॉडल को अपनाने की आवश्यकता
बता दें कि आज के समय में गुजरात के लगभग 85 प्रतिशत घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम (Rooftop Solar System) लगे हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं, यहाँ सोलर एनर्जी की माँग कितनी अधिक है। ऐसे में, यदि भारत को अपने नेट जीरो कार्बन एमिशन (Net Zero Carbon Emission) के टारगेट को पूरा करना है, तो पूरे देश में गुजरात के सोलर मॉडल को लागू करने की जरूरत है।
बता दें कि आज के समय में भारत में सोलर सिस्टम इंस्टालेशन (Solar System Installation) को लेकर 3 बड़ी समस्याएँ हैं, जो निम्न हैं -
- सोलर फाइनेंस (Solar Finance)
- सोलर टेक्नोलॉजी (Solar Technology)
- सरकार की पॉलिसी (Govt Policy)
सोलर फाइनेंस (Solar Finance)
बता दें कि गुजरात में सरकार द्वारा सोलर एनर्जी (Solar Energy In Gujarat) को बढ़ावा देने के लिए, सोलर फाइनेंस (Solar Finance) की बेहद आसान सुविधा दी जाती है और इस मॉडल को पूरे देश में लागू होना चाहिए। क्योंकि, कई ग्राहकों के लिए सोलर में इंवेस्ट करना काफी मुश्किल काम होता है। ऐसे में, उन्हें अगर समय पर लोन की सुविधा मिल जाए, तो उनके लिए सोलर लगाना काफी आसान हो जाएगा।
सोलर टेक्नोलॉजी (Solar Technology)
बता दें कि आज के समय में सोलर एनर्जी के सेक्टर में हर लेवल पर टेक्नोलॉजी की जरूरत है। चाहे वह सोलर पैनल हो, इंवर्टर हो, बैटरी हो या सोलन सब्सिडी के लिए सरकारी पोर्टल पर आवेदन की बात हो।
बता दें कि आज लोगों को सस्ता यानी ऑनग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System) की तलाश अधिक होती है। लेकिन, यह वैसे जगहों के लिए उपयुक्त नहीं है, जहाँ कि बिजली कटौती की समस्या (Power Cut) अधिक होती है। बता दें कि यदि आप किसी बड़े शहर में रहते हैं, तो आपको पावर कट की ज्यादा समस्या नहीं होती है। लेकिन, जैसे ही आप ग्रामीण क्षेत्रों में जाते हैं, आपको यह समस्या बड़े स्केल पर नजर आने लगती है। खास कर गर्मी के दिनों में।
ऐसे में, लोगों को ऐसा सिस्टम चाहिए, जो पावर कट की स्थिति में भी आपको बिजली दे और यदि आपके यहाँ एक्स्ट्रा बिजली बन रही है, तो आप उसे सरकार को बेच कर, अपने महीने के अंत में आने वाले बिजली बिल को काफी हद तक कम कर सकें। ऐसे में, आपके लिए हाइब्रिड सोलर सिस्टम (Hybrid Solar System) बेहद फायदेमंद साबित होगा।
बता दें कि यह एक ऐसा सोलर सिस्टम होता है, जिसे आप बिजली के साथ ही, पावर बैकअप सॉल्यूशन यानी बैटरी पर भी काफी आसानी से चला सकते हैं। बता दें कि यदि हम सोलर टेक्नोलॉजी की बात करें, तो इसमें Top Con Solar Panel, Lithium Ion Battery, Wall Mounted Battery, Wall Mounted Inverter जैसे कई नाम सामने आते हैं।
सरकार की पॉलिसी (Govt Policy)
बता दें कि आज के समय में ग्राहकों के बीच सरकार द्वारा लागू किए गये सोलर सब्सिडी योजनाओं (Solar Subsidy Schemes) पर ज्यादा भरोसा नहीं है। इसकी वजह यह है कि इसमें लोगों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिए काफी समय लगता है और यह भी निश्चित नहीं होता है कि उन्हें इसका लाभ मिलेगा या नहीं। साथ ही, नेट मीटर, आदि लगाना भी एक बेहद मुश्किल काम होता है। ऐसे में, इन पहलों को लेकर एक Clearity होना बेहद जरूरी है।
निष्कर्ष
यदि ऊपर के तीनों बिन्दुओं को लेकर सरकार द्वारा कोई ठोस प्रयास किया जाए, तो यह कहा जा सकता है कि भारत आने वाले समय में अपने नेट जीरो कार्बन एमिशन (Net Zero Carbon Emission) के टारगेट को काफी आसानी से पूरा कर सकता है। वहीं, यहाँ हमें Generative AI के इस्तेमाल को भी काफी बढ़ावा देने की जरूरत है। क्योंकि, मान लीजिए कि आज के समय में लोग डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के बजाय, इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। ऐसे में, इन वाहनों में 30 किलोवाट से लेकर 500 किलोवाट तक की बैटरी काफी आराम से लगी होती है। ऐसे में, हमें इसके लिए सोलर एनर्जी को इस प्रकार से Establish करना होगा कि वे इन वाहनों को काफी आराम से चार्ज कर सकें और इसमें Generative AI की भूमिका काफी बड़ी हो सकती है।