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सोलर पैनल
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सोलर पैनल या सोलर प्लेट एक ऐसा उपकरण है, जो सूरज की धूप से बिजली बनाने का काम करती है। इस तकनीक में सोलर पैनल में मौजूद पीवी सेल धूप से एनर्जी को अवशोषित करते हुए, डीसी करंट बनाती है। इस करंट को बाद में एक इंवर्टर द्वारा एसी करंट में बदला जाता है, जिससे घर के उपकरण आसानी से चल जाते हैं। यह बिजली बनाने का एक ऐसा आसान तरीका है, जिसे कोई भी अपने छत या किसी अन्य खाली जगह पर इंस्टाल कर बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन सकता है। साथ ही, पावर ग्रिड पर निर्भरता कम होने के कारण इससे पर्यावरण को भी काफी फायदा है। इसी वजह से बीते कुछ वर्षों के दौरान सोलर एनर्जी (Solar Energy) की डिमांड पूरी दुनिया में काफी तेजी से बढ़ी है।
सोलर पैनल कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Solar Panel)
बाजार में सोलर पैनल की नई टेक्नोलॉजी हर साल नई होती जा रही है। आज यदि आप सही सोलर पैनल की पहचान करना चाहते हैं, तो इसे स्टार रेटिंग से करें। सोलर पैनल मुख्यतः 3 प्रकार के होते हैं, जिसे पॉलीक्रिस्टलाईन सोलर पैनल (Polycrystalline solar panel), मोनोक्रिस्टलाईन सोलर पैनल (Monocrystalline solar panels) और बाईफेसियल सोलर पैनल (BiFacial Solar Panel) कहा जाता है।
पॉलीक्रिस्टलाईन सोलर पैनल (Polycrystalline solar panel) का फायदा यह है कि यह पर्याप्त धूप में आपको अच्छी बिजली बना कर देगा। लेकिन इसकी Limitation यह है कि इसे ज्यादा जगह की जरूरत पड़ती है। इसे वैसे जगहों पर लगाया जाता है, जहाँ जगह की कोई कमी नहीं है, जैसे - खेत।
इसी लिमिटेशन को दूर करने के लिए मोनोक्रिस्टलाईन सोलर पैनल (Monocrystalline solar panels) को लाया गया है, जो कम धूप में और Cloudy Weather में भी आपको पूरी बिजली बना कर देगा। बता दें इसके सेल शुद्ध और खामी रहित सिलिकॉन क्रिस्टल से बने होते हैं। आज के समय में जिस सोलर पैनल की स्टार रेटिंग सबसे ज्यादा होगी, उसकी Electricity Generation की क्षमता सबसे अधिक होगी। इसलिए आज घरों के लिए TOPCon Solar Panel सबसे अच्छा सोलर पैनल है जिसकी क्षमता 575W-700W तक की होती है।
घर के लिए सोलर पैनल (Solar Panels for Home)
यदि आपके घर में अधिक उपकरण हैं, तो आप अपने यहाँ 1 किलोवाट के सोलर पैनल को लगा सकते हैं। यहाँ लोगों के लिए यह समझना बेहद जरूरी है कि घर में लोड चलाने का काम इंवर्टर का होता है और आपको बिजली का बैकअप बैटरी से मिलता है। सोलर पैनल से आपको केवल दिन के समय में बिजली मिलती है। यदि आपके पास 24 वोल्ट का इंवर्टर है, तो आप इस पर 2 लीड एसिड बैटरी (80Ah - 220Ah) को आराम से चार्ज सकते हैं। इसके लिए आप अपने यहाँ जरूरत के हिसाब से 2 से 4 सोलर पैनल लगा सकते हैं। इसे लगाने में आपको करीब 1.05 लाख रुपये का खर्च आता है।
प्रोजेक्ट के छोटा सोलर पैनल (Solar Panels for Project)
भारत में छोटे सोलर पैनल की शुरुआत 10W से होती है जिसका इस्तेमाल Home Lighting System, Science Projects, Street Lights, Outdoor Camping, Traffic Control Device, इत्यादि के लिए किया जाता है। इसे मिनी सोलर पैनल (Mini Solar Panel) भी कहा जाता है, जिसकी रेंज 10 वाट से लेकर 225 वाट तक की होती है। ये सोलर पैनल 12 वोल्ट के होते हैं और इसे खरीदने में आपको 1050 रुपये से लेकर लगभग 11.5 हजार रुपये का खर्च आता है। इस तरह से सोलर पैनल का वजन 1 किलो से लेकर 12.5 किलो तक होता है और इसे लगाने के लिए आप 1 वर्ग फीट से लेकर लगभग 4x2 फीट जगह की जरूरत होती है।
1.5 Ton AC के लिए सोलर पैनल
इन दिनों लोग गर्मी से राहत पाने के लिए अपने घरों में AC का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करते हैं। इस एसी क्षमता 1 Ton - 2 Ton की होती है और अधिकांश लोग 1.5 Ton AC को खरीदते हैं। यदि आप अपने घर में 1.5 Ton AC हर दिन लगभग 10 घंटे चलाते हैं तो इससे लगभग 15-17 यूनिट बिजली की खपत होती है। इस पर आपको बिजली बिल के रूप में लगभग 100 रुपये से लेकर 170 रुपये तक का खर्च आएगा, तो इसके अनुसार 1.5 Ton AC चलाने के लिए आपको पूरे महीने के दौरान लगभग 2500-3000 रुपये का बिजली बिल आएगा। इस बिजली बिल कम करने के लिए आप अपने यहाँ 3kW ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगा सरते हैं। इससे आपका बिजली बिल जीरो हो जाएगा।
सोलर पैनल की कीमत
यदि आप अपने बिजली बिल की बचत के लिए रूफटॉप सोलर सिस्टम (Rooftop Solar System) लगाते हैं, तो इसमें आपको कुल सोलर सिस्टम पर आने वाले खर्च का लगभग 60 प्रतिशत खर्च सोलर पैनल पर आएगा। यदि आप 1kW सोलर पावर प्लांट लगाते हैं तो आपको कम - से - कम 60,000 - 1,00,000 रुपये खर्च आएगा। इस खर्च में सोलर पैनल के पीछे लगभग 36,000-44,000 का खर्च आएगा।
सोलर पैनल से जुड़े प्रश्न और जवाब
1. सोलर पैनल लगाने का क्या फायदा है?
आप सोलर पैनल लगा कर बढ़ते बिजली बिल कम कर सकते हैं। इसके साथ ही, इससे आपको पावर कट की समस्या से भी स्थायी रूप से निजात मिल जाएगी। कई लोग इसका इस्तेमाल खाली छत से पैसे कमाने के लिए भी करते हैं।
2. क्या सोलर पैनल वारिश और ठंड के मौसम में काम करता है?
हाँ। सोलर एनर्जी पूरी तरह से सूरज की धूप पर निर्भर करती है और आज के समय में भारत में साल के 365 दिनों में से लगभग 300 दिनों तक लोगों को 5 से 6 घंटे की धूप आराम से मिलती है, जो सोलर पैनल के लिए पर्याप्त है। यदि बारिश या ठंड के मौसम में कभी धूप न निकले तो इसके लिए आप सरकारी बिजली, बैटरी या डीजल जेनरेटर का भी इस्तेमाल बेहद कम समय के लिए कर सकते हैं।
3. Polycrystalline सोलर पैनल क्या है?
Polycrystalline or Multicrystalline solar panel, सोलर पैनल का एक प्रकार है। इस सोलर पैनल में बिजली बनाने की क्षमता 14%-17% तक की होती है। इस टेक्नॉलजी का सोलर पैनल 12V में 10W - 165W तक बन सकता है। वहीं पर 24V में 345W तक बन सकता है।