प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश में 5जी मोबाइल सर्विस (5G in India) का उद्घाटन किया। इसी के देश के आठ प्रमुख शहरों में 5जी सेवा शुरू हो गई। बता दें कि पीएम मोदी ने इस सर्विस की शुरुआत दिल्ली में आयोजित 'इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022' के दौरान की। इसके साथ ही, भारत में अल्ट्रा-हाई-स्पीड इंटरनेट का रास्ता साफ हो गया।
क्या होंगी 5जी की विशेषताएं (Features of 5G Service)
बता दें कि देश में 5जी सेवा (5G Service) शुरू होने के बाद, 4जी सर्विस के मुकाबले इंटरनेट की स्पीड 10 गुना तक बढ़ जाएगी और इससे व्यक्तिगत अनुभव बेहतर होने के साथ ही, मैन्युफैक्चरिंग ऑटोमेशन, ई-मेडिसिन, एजुकेशन, ड्राइवरलेस कार, रूरल सेक्टर और खेती कार्यों को काफी बढ़ावा मिलेगा।इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स इंडस्ट्री और ई-गवर्नेंस के दायरे को भी नया आयाम देने में काफी मदद मिलेगी। वहींं वर्चुअल रियलिटी और क्लाउड गेमिंग सेक्टर में भी कई नये रास्ते खुल सकते हैं। बता दें कि 5जी सर्विस में 4जी के मुकाबले 10 से 20 गुना अधिक तेजी से डाटा डाउनलोडिंग संभव होगी।
1. 4G से 5G 10 गुना तेज होगा।
क्यों लाया गया है 5जी?
भारत में 5जी सर्विस (5G Service) को शुरू करने का मूल उद्देश्य बिजनेस को बढ़ावा देना है। इसके जरिए, गाँव दर गाँव में इंटरनेट की तेज पहुँच सुनिश्चित होगी और कृषि, शिक्षा, बिजनेस, आदि जैसे कई विषयों में अधिक से अधिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सकेगा।
खेती कार्यों में क्या होगा फायदा?
5जी सर्विस से किसानों की आय को बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है। क्योंकि , खेती कार्यों में IOT के इस्तेमाल से Soil Monitoring, Water Level Monitoring, Crop Health Monitoring, ड्रोन से छिड़काव, आदि जैसी कई चीजें काफी आसान हो सकती है और 5जी सर्विस इस दिशा में उल्लेखनीय भूमिका अदा कर सकता है।
हेल्थ केयर इंडस्ट्री (Healthcare) में क्या होगा फायदा?
हेल्थ केयर इंडस्ट्री में इससे सबसे बड़ा फायदा यह है कि आज के समय में जितने भी एम्बुलेंस हैं, उनके 5जी (5G Service) से कनेक्ट होने के बाद उनका एक्सेस काफी आसान हो जाएगा। इसके अलावा, ड्रोन से दवाईयों की डिलीवरी, सीसीटीवी कैमरा, स्मार्ट ऑफिस आदि को भी बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी।
Factory Automation को भी मिलेगा बढ़ावा
आज के दौर में Factory Automation का चलन काफी बढ़ गया है। अब देश में 5जी सर्विस (5G Service) शुरू होने के बाद, इसे और अधिक गति मिलेगी। इसके अंतर्गत जितने भी मैन्यफैक्चरिंग प्लांट हैं, वे सभी ऑटोमेटिक रूप से चलेंगे। उन्हें सिर्फ कमांड दे दिया जाएगा और वे मशीनें सामान ढोने का काम अपने आप करने लगेगी।
इसके अलावा स्मार्ट होम और व्हिकल मार्केट में भी काफी एडवांस टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलेगा।
कितनी आसान हुई राह?
अब यदि आपको ऑफिस चलाना है, तो वहाँ इंटरनेट कनेक्टिविटी तो आपको अनिवार्य रूप से चाहिए। लेकिन यदि आप किसी दूर-दराज के इलाके में रहते हैं, तो वहाँ आपको पर्सनल केबल की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाएगी। इसके लिए आपको अभी तक 4जी सिम से काम चलाना पड़ता था। लेकिन इसमें भी कनेक्टिविटी की काफी परेशानी होती थी। लेकिन 5जी (5G Service) आने के बाद फिलहाल ऐसी कोई परेशानी नहीं रह जाएगी।
पड़ती है बिजली की जरूरत
अब आपके पास आईओटी डिवाइस (IoT Based) तो आ गया। लेकिन इसे चलाने के लिए आपको बिजली की जरूरत पड़ती है। यदि आपकी डिवाइस एक जगह स्थिर है, तो आप इसे ग्रिड से मिलने वाली बिजली से तो आसानी से चला सकते हैं। लेकिन यदि आप बार-बार अपनी जगह बदल कर काम कर रहे हैं, तो आपको सोलर पैनल और लिथियम ऑयन बैटरी की जरूरत पड़ेगी। जैसे - पोर्टेबल सोलर पम्प।
कितने वाट के सोलर पैनल की जरूरत पड़ेगी?
यह पूरी तरह से आपकी जरूरत पर निर्भर करती है। जैसे - यदि आपको सिर्फ मोबाइल चार्जिंग, लैपटॉप चार्जिंग, लाइट, फैन, आदि के लिए सोलर पैनल की जरूरत है, तो यह 5 वाट से लेकर 100 वाट के दायरे में आसानी से हो सकता है। वहीं, यदि आपको सोलर पम्प, एसी आदि जैसी भारी मशीनें चलानी है, तो इसके लिए आपको 3 किलोवाट से 5 किलोवाट तक के सोलर पैनल की जरूरत पड़ेगी और इसी हिसाब से आपको लिथियम ऑयन बैटरी भी खरीदना होगा। इस प्रकार आप हर महीने हजारों के बिजली बिल को बचा सकते हैं।
कितना आएगा खर्च?
यदि आपकी जरूरतें कम हैं, तो सिर्फ 1000 रुपये से लेकर 10000 रुपये का निवेश कर आप अपने यहाँ सोलर पैनल लगा सकते हैं। वहीं, यदि आप 3 लाख से 5 लाख रुपये तक खर्च करते हैं, तो आप बिजली के मामले में सालों साल के लिए लगभग पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन सकते हैं और आपको निर्बाध बिजली की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी।
क्या - क्या आएगा?
यदि आप सोलर सिस्टम अपनाना चाहते हैं, तो इसमें कस्टमाइज्ड सोलर पैनल, लिथियम ऑयन बैटरी और चार्ज कंट्रोलर जैसी चीजें आएंगी और यदि आपके पास अधिक क्षमता का सोलर पैनल है, तो आपको इसके साथ सोलर स्टैंड भी लेना होगा।बता दें कि एक सोलर पैनल, डीसी करंट का उत्पादन करता है। लिथियम ऑयन बैटरी उस करंट को स्टोर करता है और चार्ज कंट्रोलर उस बिजली को डीसी से एसी में बदल देता है।
निष्कर्ष
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। यदि आप सोलर सिस्टम को खरीद, खुद को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं, तो अभी हमसे संपर्क करें। हमारे विशेषज्ञ आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। जरूरत पड़ने पर हमारे विशेषज्ञ आपकी साइट पर जाएंगे, और आपकी जरूरतों को देखते हुए आपको आगे की राह दिखाएंगे।