नमस्कार दोस्तों हमारे आर्टिकल में आपने अक्सर सोलर इनवर्टर का जिक्र सुना ही होगा। काफी लोगों का सवाल होता है कि सोलर इनवर्टर और एक साधारण इनवर्टर में क्या फर्क होता है।
इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपको बताएंगे कि सोलर इनवर्टर क्या होता है? कैसे एक साधारण इनवर्टर से अलग है? इसके फायदे कितने हैं? साथ ही हम आपको बताएंगे कि इसके मैन्युफैक्चर कौन हैं और इसकी कीमत कितनी है?
सोलर इनवर्टर से जुड़े सभी सवालों के जवाब पाने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें। तो सबसे पहले जान लेते हैं कि सोलर इनवर्टर क्या होता है?
क्या है सोलर इन्वर्टर?
सोलर इनवर्टर सौर ऊर्जा का अहम हिस्सा होता है। सोलर इनवर्टर को सौर ऊर्जा इनवर्टर व सोलर पावर इनवर्टर के नाम से भी जाना जाता है। सोलर इनवर्टर सूर्य से आ रही किरणों को एक उपयोगी शक्ति में बदल देता है। यह 2 से 5 साल की वारंटी पर उपलब्ध होता है।
काम कैसे करता है?
सोलर इनवर्टर डायरेक्ट करंट को अल्टरनेटिव करंट में बदल देता है। सोलर इनवर्टर घरेलू व कमर्शियल तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही लोड को चलाने के लिए आवश्यकता अनुसार ग्रिड इलेक्ट्रिसिटी के साथ फ्रीक्वेंसी व वाट को समान मात्रा में रखता है। यानी चार्ज को कंट्रोल करता है।
सोलर इनवर्टर के प्रकार
सोलर इनवर्टर तीन प्रकार के होते हैं:-
1. ऑन ग्रिड: ऑन ग्रिड सोलर इनवर्टर सरकारी बिजली के साथ काम करता है। यह इनवर्टर मोड को चालू रखता है और बाकी बची बिजली ग्रिड को भेजता है। यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक और एक इंटेलिजेंट इनवर्टर है।
2. ऑफ ग्रिड: ऑफ ग्रिड सोलर इनवर्टर को stand-alone सोलर इनवर्टर या सोलर बैटरी इनवर्टर के नाम से भी जाना जाता है यह ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम में इस्तेमाल किया जाता है जो कि सरकारी बिजली पर बिल्कुल निर्भर नहीं करता है। यह सोलर पैनल से आ रहे DC करंट को AC करंट में बदलता है।
3. हाइब्रिड: हाइब्रिड सोलर इनवर्टर में ओंग्रिड और ऑफ करंट दोनों ही सोलर इनवर्टर की खूबियां होती है यह ग्रिड से बिजली आने और ना आने दोनों ही परिस्थितियों में काम करता है।
साधारण इनवर्टर से कैसे अलग है?
एक साधारण इनवर्टर में चार्ज कंट्रोलर नहीं होता है जबकि सोलर इनवर्टर के अंदर चार्ज कंट्रोलर पहले से ही फिट होता है। यदि आपने अपने घर में सोलर सिस्टम इंस्टॉल किया हुआ है या फिर आप ऐसा कराने की सोच रहे हैं तो फिर आपके लिए सोलर इनवर्टर को अपनाना फायदेमंद साबित होगा। बैटरी को सुरक्षित रखता है। क्योंकि सोलर से आने वाला चार्ज कभी भी फिक्स नहीं होता है।